Edited By Kuldeep, Updated: 22 Apr, 2025 04:19 PM

शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमा चुके सिंगापुर की तर्ज पर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को लागू किया जाएगा, ताकि शिक्षा के स्तर काे ऊंचा किया जाए।
चम्बा (रणवीर): शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमा चुके सिंगापुर की तर्ज पर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को लागू किया जाएगा, ताकि शिक्षा के स्तर काे ऊंचा किया जाए। हाल ही में प्रिंसीपल्स अकादमी, सिंगापुर में आयोजित बदलते विश्व में शिक्षा और अधिगम को सशक्त बनाने पर एक सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षकों ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के 70 शिक्षकों ने भाग लिया, जिसमें चम्बा से भी शिक्षकों ने हिस्सा लिया। इस बारे में रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपी गई है, जिसमें बताया कि सिंगापुर ने शिक्षा के क्षेत्र में महज विकासशील देश से विकसित देश की सूची में नाम दर्ज करवाया है।
सिंगापुर में लगभग 267 स्कूल हैं, जहां स्कूल प्रभारी पूरी तरह से स्वतंत्र हैं। यहां स्कूली बच्चों को प्रैक्टीकल करने की पूरी स्वतंत्रता है। प्रैक्टीकल को काफी महत्व दिया जाता है। शिक्षकों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्कूल की कक्षाओं और पढ़ाई की तकनीक के बारे में जानकारी प्राप्त की, जिसमें खास बात यह रही कि पढ़ाई के दौरान गलती करने पर दंड देने की पूरी छूट है, ताकि विद्यार्थी अगले दिन पढ़ाई में कोई कमी न रहने दे।
शिक्षकों को 21वीं सदी की शिक्षण और अधिगम पद्धतियों पर प्रशिक्षित किया गया। ज्योग्राफिकल सोसायटी ऑफ हिमाचल प्रदेश के मीडिया सचिव धीरज सिंह ने कहा कि सिंगापुर के प्रभावी स्थान प्रबंधन और भूमि उपयोग के माध्यम से विकासशील से विकसित राष्ट्र बनने की कहानी को सांझा किया। भूगोल शास्त्र की समझ और भौगोलिक सिद्धांतों के ऊपर आधारित क्षेत्रों एवं प्रदेशों का नियोजन 21वीं शताब्दी में अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रदेश में भी भूगोल शास्त्र को सभी शिक्षण संस्थानों में प्रारंभ किया जाना चाहिए।