Edited By Kuldeep, Updated: 14 Aug, 2024 08:24 PM
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सेब सीजन की शुरुआत में ही चुराह के बागवानों ने मार्कीट कमेटी द्वारा ली जाने वाली फीस का विरोध किया है। बागवानों ने 2 टूक कहा है कि जब कमेटी बागवानों की व्यवस्था के लिए कुछ नहीं कर सकती है तो सरकार व कमेटी को फीस लेने का भी कोई अधिकार नहीं है।
चम्बा (रणवीर): सेब सीजन की शुरुआत में ही चुराह के बागवानों ने मार्कीट कमेटी द्वारा ली जाने वाली फीस का विरोध किया है। बागवानों ने 2 टूक कहा है कि जब कमेटी बागवानों की व्यवस्था के लिए कुछ नहीं कर सकती है तो सरकार व कमेटी को फीस लेने का भी कोई अधिकार नहीं है। चुराह में बागवानों ने इस बारे में धरना प्रदर्शन किया तथा सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी। बागवानों ने तुनुहट्टी में मार्कीट कमेटी को बंद करने की मांग करते हुए कहा कि बागवान-किसान अपनी मेहनत से बगीचे में काम करता है। ऐसे में सरकार का कोई योगदान इसमें नहीं है। चुराह में मार्कीट कमेटी का कार्य लंबे समय से लंबित है। कई बार फाइलें सरकार के समक्ष भेजी गईं, लेकिन यहां कार्य शुरू नहीं हो पाया।
बागवानों का कहना है कि जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर के दुर्गेठी, चुराह, भटियात समेत अन्य स्थानों पर कृषि उपज मंडी के लिए जगह का चयन किया गया है, लेकिन सब कागजों में ही सीमित होकर रह गया है। मौजूदा समय में तीसा समेत आसपास के किसान अपनी फसलों को बेचने के लिए चम्बा के बाहर की मंडियों का सफर करना पड़ता है, ऐसे में कृषि उपज मंडी के खुलने से किसानों को लाभ मिलेगा।
उधर, कृषि उपज मंडी के एसएमओ शिमला अनिल चौहान ने बताया कि तीसा में मंडी खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। यहां जमीन को ट्रांसफर करने के लिए दिक्कत पेश आई थी, जिसे हल करके कार्य शुरू किया जाएगा। तीसा के अलावा जनजातीय क्षेत्र भरमौर के दुर्गेठी, भटियात समेत अन्य स्थानों पर कृषि उपज मंडी के लिए जगह का चयन किया गया है।