Edited By Vijay, Updated: 17 Oct, 2019 04:30 PM
हिमाचल प्रदेश देश का पहला गरीबी मुक्त राज्य बनने जा रहा है। सरकार ने इसके लिए गरीबी रेखा से नीचे चल रहे लोगों को स्वरोजगार देने की योजना बना ली है। प्रदेश में 3 लाख के आसपास बीपीएल परिवार हैं, जिन्हें बीपीएल मुक्त करने के लिए सरकार सहायता देगी।
शिमला (योगराज): हिमाचल प्रदेश देश का पहला गरीबी मुक्त राज्य बनने जा रहा है। सरकार ने इसके लिए गरीबी रेखा से नीचे चल रहे लोगों को स्वरोजगार देने की योजना बना ली है। प्रदेश में 3 लाख के आसपास बीपीएल परिवार हैं, जिन्हें बीपीएल मुक्त करने के लिए सरकार सहायता देगी। यह बात शिमला प्रैस क्लब द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘मीट द प्रैस’ में प्रदेश के ग्रामीण विकास पंचायती राज एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कही।
मंत्री ने बताया कि 2000 करोड़ का बजट पंचायती राज के पास आता है। 60 फीसदी से ज्यादा धन पर्यावरण पर खर्च हो रहा है। मनरेगा के तहत भी काम हो रहा है। मौजूदा वर्ष में 560 करोड़ रुपए मनरेगा के माध्यम से खर्च किए गए हैं। 2018-19 में 849 करोड़ रुपए खर्च किए गए हंै। रेन हार्वेस्टिंग के लिए 700 के करीब टैंक बनवाए गए हैं। 122 खेल के मैदान और 73 मोक्षधाम प्रदेश में बनाए गए हैं, जिन पर 10 लाख रुपए तक खर्च किए जा रहे हैं। नए आंगनबाड़ी भी भवन बनाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि 14वें वित्त आयोग में ग्रामीण विकास के अलावा रोजगार भी दिया जाएगा। एक बार जो बीपीएल में चला गया वह हमेशा बीपीएल में नहीं हो सकता। 95 हजार परिवारों का सर्वे किया है, जिनमें 5 हजार बीपीएल परिवार हैं। उनको रोजगार से जोड़ना मुख्य मकसद है। जिनके पास जमीन है उनको सरकार नि:शुल्क बगीचा या अन्य फसल लगा कर देगी तथा जिनके पास जमीन को कमी है उनके लिए भेड़-बकरियां उपलब्ध करवाएंगे।
उन्होंने कहा कि गरीबों की आय बढ़ाने के लिए स्वरोजगार से जोडऩे का प्रयास किया जाएगा। मिशन अंत्योदय के तहत प्रदेश को गरीबी से मुक्त किया जाएगा। पहले साल एक लाख परिवारों को स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। उसके बाद अन्य गरीब परिवारों को रोजगार से जोड़ने की कोशिश की जाएगी ताकि प्रदेश को गरीबी मुक्त किया जा सके। किसानों को अच्छी नस्ल की गाय व भैंस उपलब्ध करवाएंगे। ठंडे पानी की मछली को बढ़ावा देकर मछली पालन को मनरेगा के साथ जोड़ने का कार्य भी किया जा रहा है।