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पुलिस ने किया खुलासा, BSF जवान ने इसलिए रची थी अपनी मौत की झूठी साजिश

Edited By Vijay, Updated: 21 Jul, 2023 10:05 PM

bsf jawan had created false conspiracy of own death

बीएसएफ जवान को ऑनलाइन गेम्स की आदत लग गई थी। इन गेम्स के चक्कर में काफी पैसा भी गंवा दिया था। करीब 50 लाख रुपए का ऋण ले रखा था। ऋण न चुका पाने के कारण वह काफी समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहा था।

चम्बा (काकू चौहान): बीएसएफ जवान को ऑनलाइन गेम्स की आदत लग गई थी। इन गेम्स के चक्कर में काफी पैसा भी गंवा दिया था। करीब 50 लाख रुपए का ऋण ले रखा था। ऋण न चुका पाने के कारण वह काफी समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। इसके चलते उसने अपनी मौत की साजिश रच डाली ताकि वह खुद को मरा हुआ साबित कर घर-परिवार से दूर एक नई जिंदगी शुरू कर सके लेकिन इसमें वह कामयाब नहीं हो पाया। पुलिस ने बेंगलुरु से उसे जिंदा पकड़ लिया। वह यहां अपने दोस्त के साथ रह रहा था। यह खुलासा सपी अभिषेक यादव ने चम्बा में पत्रकार में किया है।

पुलिस इस वजह से हुआ था घटना पर शक
एसपी ने बताया कि 28-29 जून मध्यरात्रि बीएसएफ जवान अमित राणा की कथित रूप से चुवाड़ी-चम्बा वाया जोत मार्ग पर कार में जलने से मौत हो गई थी। सूचना मिलने पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने खुद व एएसपी विनोद धीमान ने भी मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया। इस दौरान उन्हें यह घटना संदेहास्पद लगी। घटनास्थल पर अवशेष पर्याप्त मात्रा में नहीं मिले। कार हर तरफ से जल गई थी लेकिन नंबर प्लेट नहीं जली थी। वह टूटकर सड़क के किनारे गिरी हुई मिली थी। वहीं जवान की नूरपुर से चम्बा की यात्रा भी संदिग्ध थी। नूरपुर से शाम 4 बजे निकलने के बाद भी वह चम्बा नहीं पहुंचा और रात करीब 1 से 2 बजे कार जोत के पास जल गई जबकि नूरपुर से जोत का सफर 2 से 3 घंटे में ही तय हो जाता है। 

पुलिस को बस चालक से मिला क्लू
पुलिस ने सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए नूरपुर से लेकर जोत तक जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे खंगालने शुरू किए। जांच को आगे बढ़ाते हुए जवान के बैंक खातों की डिटेल निकाली। उस रात जोत से चम्बा की तरफ आए वाहन चालकों से पूछताछ की। पूछताछ में एक बस चालक ने बताया कि एक लंबा व्यक्ति बस में चढ़ा था। इसके बाद चम्बा बस अड्डे में लगे सीसीटीवी कैमरे में बीएसएफ जवान को देखा गया। यहां से पुलिस का संदेह सच में तब्दील हो गया। 

पुलिस ऐसे पहुंची जवान तक
पुलिस ने सबसे पहले यह पता लगाने का प्रयास किया कि अमित राणा का सबसे करीबी कौन है। जांच में पता चला कि एक ट्रक ड्राइवर है जो कर्नाटक, गुजराज आदि क्षेत्रों में ट्रक चलाता है और इन दिनों बेंगलुरु में है। पुलिस ने एक टीम गठित और उसे बेंगलुरु रवाना किया। यह टीम करीब 3 दिन तक वहां रही। इस दौरान एक दिन अमित व उसका दोस्त ट्रक से बेंगलुरु से चेन्नई जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और चम्बा ले आई। 

किसी जानवर का उठाकर लाया था हड्डी का टुकड़ा
बीएसएफ जवान ने कार को खुद आग लगाई थी। तेल छिड़कर कार को आग के हवाले कर दिया था और उसमें एक हड्डी रख दी थी। वह यह हड्डी का टुकड़ा कहीं से किसी जानवर का उठाकर लाया था। इसके अलावा यहां कोई सुराग नहीं छोड़ा था, जिससें उसके जिंदा होने का साक्ष्य मिल सके। 

खुद लिखी थी अपनी मौत की पटकथा, अनभिज्ञ था परिवार 
बीएसएफ जवान द्वारा लिखी गई अपनी झूठी मौत की इस पटकथा का किसी को कोई पता नहीं था। यहां तक कि परिजन भी इस पूरे प्रकरण से अनभिज्ञ थे। उसने अकेले की इस पूरी कहानी को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया। इसके बाद चम्बा बस अड्ड से पठानकोट पहुंचा। वहां से दिल्ली, अहमदाबाद होते हुए बेंगलुरु अपने दोस्त के पास पहुंच गया।  पुलिस पूछताछ में अमित राणा ने बताया कि चुवाड़ी-चम्बा वाया जोत मार्ग पर रात को वाहनों की आवाजाही कम रहती है। यह मार्ग सुनसान होता है। इसके चलते उसने इस कार्य के लिए यही मार्ग चुना। उसकी गाड़ी में फ्यूल अक्सर उपलब्ध रहता था। 

इन पुलिस कर्मियों ने किया मामले का पटाक्षेप
पुलिस ने इस पूरे मामले का पटाक्षेप करने के लिए एएसआई अजय कुमार की अगुवाई में बलविंद्र व प्रदीप समेत एक जांच टीम गठित की। टीम ने दिन रात कड़ी मेहनत कर इस मामले को मात्र 22 दिन में ही सुलझा दिया। हैड कांस्टेबल बलविंद्र का इस मामले की गुत्थी सुलझाने में सबसे 'यादा अहम योगदान रहा है। एसपी अभिषेक यादव ने कहा कि यह कार्य बेहद कठिन था, लेकिन चम्बा पुलिस के इन कर्मचारियों ने अपनी सूझबूझ से इसे अंजाम तक पहुंचाया। सरकार से उन्हें पुरस्कार की पैरवी की जाएगी। 

पुलिस ने बीएसएफ को किया सूचित
एसपी अभिषेक यादव ने कहा कि इस संबंध में बीएसएफ को भी सूचित कर दिया गया है। बीएसएफ अपने स्तर पर कार्रवाई करेगी। इसके अलावा पुलिस मामले में कानून के प्रावधानों के तहत आगामी कार्रवाई करेगी।

अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं था जवान, यू-ट्यूब पर बना रखे थे चैनल
बीएसएफ जवान अमित राणा गांव गेहीं लगोड तहसील नूरपुर जिला कांगड़ा का निवासी है। उसके पिता किसान हैं। उनकी धर्मपत्नी पुलिस विभाग में है। करीब 7-8 वर्ष पूर्व उनकी शादी हुई थी। अमित अपनी नौकरी से भी संतुष्ट नहीं था। वह नौकरी छोड़कर कुछ और करना चाहता था। यू-ट्यूब पर चैनल भी बना रखे थे। इन चैनल के संचालन पर भी काफी पैसा खर्च हो चुका था। इस घटना को लेकर अमित राणा के परिजनों ने भी किसी तरह का संदेह जाहिर नहीं किया था। परिजनों के मुताबिक अमित राणा अपने दोस्तों से मिलने के लिए कार में सवार होकर चम्बा की ओर जा रहा था। उसने अपनी पत्नी को भी मैसेज किया था। इससे ज्यादा उन्हें कोई जानकारी नहीं थी। 

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