Edited By prashant sharma, Updated: 26 Feb, 2021 04:27 PM
हिमाचल में आज से विधानसभा का बजट सत्र प्रारंभ हुआ। सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान ही पिवक्ष ने हंगामा कर दिया। विपक्ष ने राज्यपाल का भी घेराव किया। इसके बाद सत्र की कार्रवाई स्थगित कर दी गई।
शिमला : हिमाचल में आज से विधानसभा का बजट सत्र प्रारंभ हुआ। सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान ही पिवक्ष ने हंगामा कर दिया। विपक्ष ने राज्यपाल का भी घेराव किया। इसके बाद सत्र की कार्रवाई स्थगित कर दी गई। हंगामे के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सुरक्षा कर्मियों सहित मंत्रियों के साथ बैठक आयोजित की व दोबारा से सदन बुलाया। हिमाचल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि सदन के स्थागित होने के बाद सदन बुलाया गया हो। विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए बताया कि स्थगित होने के बाद 346 नियम के तहत दोबारा से सदन बुलाया गया है।
विपक्ष की तरफ से कोई भी सदन में नही पहुंचा। इस घटना के विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार सहित संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज व मुख्यमंत्री ने आज के दिन को शर्मनाक करार दिया व इसकी निंदा की मांग उठी कि ऐसे हंगामा करने वाले सदस्यों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। विपक्ष ने राज्यपाल पर हमला किया है। नियम 319 के तहत विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, हर्षबर्धन चैहान, सतपाल रायजदा सुंदर सिंह व विनय सिंह को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भरद्वाज ने सदन में प्रस्ताव रखा कि हंगामा करने वाले कांग्रेस के पांच विधायको को पूरे सत्र के लिए निलंबित किया जाए।
वहीं विपक्ष के निलंबित विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि यह सारा हंगामा विधानसभा के बाहर हुआ है, इस पर सरकार ने तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाते हुए विपक्ष के विधायकों को निलंबित किया है उन्होंने कहा कि वहां विधानसभा के बाहर बैठेंगे और सरकार की नीतियों का लगातार विरोध करते रहेंगे। हर्षवर्धन ने कहा कि अभी राज्यपाल ने अभिभाषण के 5 से 6 पेज ही पढ़े थे, जिसके बाद वह अंतिम पेज पर आ गए और अभिभाषण को समाप्त कर दिया गया।
विपक्ष की किसी प्रकार की कोई मनसा राज्यपाल के साथ बदसलूकी की नहीं थी। विपक्ष राज्यपाल के साथ बात करना चाहता था, जिसके नारेबाजी कर रहा था लेकिन इसी बीच भाजपा के विधायक, मंत्री व डिप्टी सपीकर वहां पर आकर धक्का-मुक्की करने लगे। सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। विपक्ष इस प्रकार के हथकंडे से डरने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार में कोई भी अनुभव भी नेता नहीं है, जिसके चलते विपक्ष को जो मान-सम्मान मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है।