Chamba: 38 वर्ष बाद भी नहीं बन पाई भरमौर-बड़ग्रां सड़क, पुल का निर्माण न होने से लटका हुआ है कार्य

Edited By Jyoti M, Updated: 06 Feb, 2025 11:31 AM

bharmour badgran road could not be built even after 38 years

भरमौर क्षेत्र की दुर्गम बडग्रां पंचायत को जोड़ने वाले पलानी पुल का काम शिलान्यास के बाद पिछले 7 वर्षों से अधर में लटका हुआ है, वहीं 38 वर्ष बीत जाने के बाद भी सड़क का कार्य पूरा नहीं हो सका है। भरमौर-बड़ग्रां मार्ग पर पिछले कई वर्षों से हरछु तक बस...

भरमौर, (उत्तम ): भरमौर क्षेत्र की दुर्गम बडग्रां पंचायत को जोड़ने वाले पलानी पुल का काम शिलान्यास के बाद पिछले 7 वर्षों से अधर में लटका हुआ है, वहीं 38 वर्ष बीत जाने के बाद भी सड़क का कार्य पूरा नहीं हो सका है। भरमौर-बड़ग्रां मार्ग पर पिछले कई वर्षों से हरछु तक बस जाती है, लेकिन उसके आगे पलानी नाले पर पुल न होने के कारण बड़े वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है ।

पिछले वर्ष विभाग ने छोटे टिप्पर को बड़ग्रां तक पहुंचाया था, जिससे शीघ्र पुल तैयार कर बस योग्य सड़क बनाने की आस जगी थी, लेकिन उसके बाद स्थिति ज्यों की त्यों बनने क्षेत्र के लोगों में रोष व्याप्त है। बड़ग्रां पंचायत के कुठार, पलानी, खानबग्गा व भद्रा आदि गांवों के लोगों ने कहा कि विभाग बजट स्वीकृत होने के 38 वर्ष बाद भी सड़क निर्माण नहीं कर पाया है। यही नहीं, पलानी नाले पर पुल का टैंडर करवाने के 7 साल बीत जाने के बाद भी पुल नहीं बन पाया है। यहां पर पुल व सड़क निर्माण में इतनी लेटलतीफी होने से विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली पर लोगों ने काफी सवाल भी उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1987 में बडग्रां सड़क का काम शुरू हुआ था, लेकिन अब तक सड़क नहीं बन पाई है। पुल का निर्माण न होने के कारण सड़क का कार्य लटका हुआ है। अब तक करीब 1 दर्जन लोग इस मार्ग पर दुर्घटनाओं में अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं तो वहीं पर धार्मिक दृष्टि से भी यहां पर हर वर्ष सैंकड़ों लोग यहां के प्रसिद्ध मंदिरों बन्नी माता, दिगनपाल तथा खन्नबागा स्थित भुहारी मंदिर में शीश नवाने के लिए आते हैं, जो सड़क की दुर्दशा देखकर डर कर नहीं आ पाते हैं। उन्होंने कहा कि जहां आज के दौर में मात्र 20 दिन से लेकर 1 महीने के भीतर नए पुलों का निर्माण किया जा रहा है, वहीं पर भरमौर की इस पंचायत में पिछले 7 वर्षों से पुल का निर्माण चला हुआ है, पूरा कब होगा, पता नहीं। 

उन्होंने कहा कि अगर यह पुल बन जाता है तो अढ़ाई हजार से अधिक की आबादी सीधे सड़क सुविधा से जुड़ जाएगी, मगर विभाग की धीमी कार्यप्रणाली से यह कब पूरी होगी। आज भी लोगों को रोजमर्रा की चीजें पीठ पर उठाकर ले जानी पड़ती हैं। वहीं मरीजों व गर्भवती महिलाओं को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 

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