Edited By Vijay, Updated: 27 Jul, 2025 04:02 PM

हिमाचल प्रदेश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक अंतर्राष्ट्रीय मिंजर मेला चम्बा में पारंपरिक उत्साह और श्रद्धा के साथ शुरू हो गया है। इस वर्ष मेले का विधिवत शुभारंभ राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने किया।
चम्बा (काकू): हिमाचल प्रदेश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक अंतर्राष्ट्रीय मिंजर मेला चम्बा में पारंपरिक उत्साह और श्रद्धा के साथ शुरू हो गया है। मेले का विधिवत शुभारंभ राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने किया। इस माैके पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल भी माैजूद रहीं। जानकारी के अनुसार राज्यपाल ने चम्बा पहुंचने के बाद सबसे पहले यहां की सांस्कृतिक आत्मा माने जाने वाले कुंजड़ी-मल्हार लोकगीत की धुनों के बीच ध्वजारोहण कर मेले का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने चंबा के प्राचीन लक्ष्मीनारायण मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की और मिंजर अर्पित कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की।

राज्यपाल ने इस अवसर पर लोगों को मिंजर महोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह मेला न केवल चंबा की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, बल्कि यहां की लोकपरंपराओं, मान्यताओं और आस्थाओं से भी गहराई से जुड़ा हुआ है। यह मेला न केवल पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे स्थानीय शिल्प, कला और संस्कृति को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का माध्यम बनते हैं और स्थानीय पहचान को राष्ट्रीय पटल पर लाते हैं। मेले के शुभारंभ पर पारंपरिक शाेभायात्रा निकाली गई, जिसमें विभिन्न सांस्कृतिक झांकियों और लोक कलाकारों ने भाग लिया। यह शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई चौगान मैदान तक पहुंची, जहां हजारों की संख्या में लोग इसे देखने के लिए उमड़े।
कार्यक्रम के दौरान चम्बा के उपायुक्त एवं मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष मुकेश रेप्सवाल ने राज्यपाल का पारंपरिक शॉल, चंबयाली टोपी और स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया। उपायुक्त ने जानकारी दी कि इस वर्ष आठ दिवसीय मेले में चंबा जिला ही नहीं, बल्कि प्रदेश के अन्य हिस्सों से भी कलाकारों को आमंत्रित किया गया है, ताकि सांस्कृतिक विविधता को एक मंच पर प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक संध्याओं में सभी आयु वर्ग और समुदायों के लिए कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है, ताकि हर कोई इस आयोजन का आनंद उठा सके।