Edited By Vijay, Updated: 20 Jan, 2022 11:31 PM
बीएसएफ ने ऑप्रेशन के दौरान शहीद हुए अपने जवानों को मरणोपरांत सम्मान देने के लिए ऑप्रेशनल कैजुअल्टी सर्टीफिकेट देने की शुरूआत की है। देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सैनिकों की वीरांगनाओं को यह प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। यह सम्मान...
सोलन (नरेश पाल): बीएसएफ ने ऑप्रेशन के दौरान शहीद हुए अपने जवानों को मरणोपरांत सम्मान देने के लिए ऑप्रेशनल कैजुअल्टी सर्टीफिकेट देने की शुरूआत की है। देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सैनिकों की वीरांगनाओं को यह प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। यह सम्मान प्राप्त कर उन्हें भी अपने पति की शहादत पर गर्व महसूस हो रहा है। यह पहला मौका है जब बीएसएफ अपने शहीद जवानों को यह सम्मान दे रही है।
बीएसएफ के अधिकारी उनके घर जाकर यह सम्मान दे रहे हैं। बीएसएफ ने इस कड़ी में 1992 में कश्मीर में एक ऑप्रेशन के दौरान शहीद हुए ड्यूटी कमांडैंट कंवर भानू प्रताप सिंह की पत्नी रेणुका कंवर को आप्रेशनल कैजुअल्टी सर्टीफिकेट दिया। पति की शहादत के करीब 32 वर्ष बाद यह सम्मान प्राप्त कर वह भावुक भी हो गईं और गौरवान्वित भी महसूस कर रही थीं। 1992 में कंवर भानु प्रताप सिंह एक आप्रेशन के दौरान कमर में गोली लगने से शहीद हो गए थे।
हिमाचल प्रदेश के लिए इस सर्टीफिकेट के नोडल अधिकारी एवं बीएसएफ चंडीगढ़ के डीआईजी हेमंत कुमार अपने दल के साथ सोलन पहुंचे और टैंक रोड स्थित शहीद कंवर भानु प्रताप सिंह के घर जाकर पत्नी को ऑप्रेशनल कैजुअल्टी सर्टीफिकेट से नवाजा। उन्होंने बताया कि बीएसएफ ने आप्रेशनल सर्टीफिकेट की शुरूआत की है। इसके चलते शहीद कंवर भानु प्रताप सिंह की पत्नी को इस सम्मान से नवाजा गया है। बारामूला में एक ऑप्रेशन के दौरान 1992 में वह शहीद हो गए थे। रेणुका कंवर ने बताया कि उन्हें गर्व है कि उनके पति देश के लिए शहीद हुए। उन्हें उनकी शहादत पर पहले भी गर्व भी था और आगे भी रहेगा। उन्होंने डीआईजी हेमंत कुमार व उनकी पूरी टीम का इस सम्मान के लिए धन्यवाद किया।
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