सेब बागवानों लिए संजीवनी बनकर आई बर्फबारी, बम्पर फसल की उम्मीद

Edited By Vijay, Updated: 04 Feb, 2020 04:38 PM

apple gardener happy due to snowfall

हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी और कड़ाके की ठंड जहां लोगों के लिए मुसीबत का कारण बनी हुई है वहीं सेब बागवानों के लिए बर्फ संजीवनी का काम कर रही है। कई वर्षों के बाद हुई अच्छी बर्फबारी से बागवानों के चेहरे खिले हुए हैं। बर्फबारी के बाद लगातार पड़ रही ठंड...

शिमला (योगराज): हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी और कड़ाके की ठंड जहां लोगों के लिए मुसीबत का कारण बनी हुई है वहीं सेब बागवानों के लिए बर्फ संजीवनी का काम कर रही है। कई वर्षों के बाद हुई अच्छी बर्फबारी से बागवानों के चेहरे खिले हुए हैं। बर्फबारी के बाद लगातार पड़ रही ठंड सेब के लिए खाद का काम कर रही है। सेब की अच्छी फसल के लिए चिलिंग आवर्स का पूरा होना महत्वपूर्ण माना जाता तभी सेब की अच्छी पैदावार होती है। इस बार अच्छी ठंड पड़ने की वजह से सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स भी कई वर्षों के बाद पूरे हुए हैं।
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सेब बागवानों ने बताया कि आजकल सेब के पौधे सुप्तावस्था में रहते हैं। माना जाता है कि इस अवस्था में अधिकतर वैरायटी के सेब के पौधों के लिए 500 से 1000 घंटे जबकि अर्ली वैरायटी के पौधों लिए 600 घंटों तक चिलिंग आवर्स की जरूरत होती है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 1000 से अधिक घंटे चिलिंग आवर्स के लिए अच्छे माने जाते हैं। इससे जहां सेब के पौधों की विभिन्न बीमारियों पर अंकुश लगता है वहीं सेब की पैदावार भी अच्छी होती है। सेब के पौधों को बर्फबारी से अच्छी व रिसावदार नमी मिलती है जो जड़ों तक जाती है। इस वर्ष जिस प्रकार से जनवरी में बर्फबारी हुई है वह सेब के लिए अनुकूल मौसम माना जा रहा है। मौसम की मेहरबानी से प्रदेश के सेब बागवान खुश हैं। बागवान अब मौसम खुलने व बर्फ पिघलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं ताकि सेब के बागीचों में खाद डालने, तौलिए बनाने व नए पौधे रोपने का कार्य शुरू कर सकें।
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बर्फ का लाभ केवल सेब बागवानों को ही नहीं होना है बल्कि बेमौसमी सब्जी उत्पादकों के लिए भी गर्मियों में प्राकृतिक जल स्रोतों में पर्याप्त पानी सिंचाई के लिए मिलेगा। बागवानी विभाग के निदेशक मदन मोहन शर्मा ने बताया कि अच्छी बर्फबारी और ठंड पड़ने की वजह से इस बार सेब की अच्छी फसल होने की उम्मीद है। सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स पूरे होने से सेब की पैदावार बढ़ेगी, जिसका बागवानों को लाभ होगा।

गौरतलब है कि पिछले कई वर्षों से सेब की फसल के लिए जरूरी माने जाने वाली बर्फ और चिलिंग आवर्स पूरे न होने से सेब बागवान काफी ज्यादा निराश चल रहे थे लेकिन इस बार अच्छी बर्फबारी और नवम्बर के महीने से पड़ रही ठंड सेब की फसल के वरदान साबित होगी और सेब की बम्पर फसल होने की उम्मीद है। बता दें कि सेब हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में 4 हजार करोड़ रुपए का योगदान देता है।

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