Edited By prashant sharma, Updated: 30 Dec, 2021 10:49 AM

जिला में खुरपका और मुंहपका रोग से पीड़ित पशुओं का पशुपालन विभाग की टीमों द्वारा इलाज प्रक्रिया जारी है। इसके साथ ही पशुओं को वैक्सीन भी लगाई गई है। अब तक करीब 2 लाख वैक्सीन पशुओं को लगाई जा चुकी हैं। पशु पालन विभाग ने टीकाकरण अभियान की तिथि को
धर्मशाला (नवीन) : जिला में खुरपका और मुंहपका रोग से पीड़ित पशुओं का पशुपालन विभाग की टीमों द्वारा इलाज प्रक्रिया जारी है। इसके साथ ही पशुओं को वैक्सीन भी लगाई गई है। अब तक करीब 2 लाख वैक्सीन पशुओं को लगाई जा चुकी हैं। पशु पालन विभाग ने टीकाकरण अभियान की तिथि को 10 जनवरी तक बढ़ा दिया है। पहले यह तिथि 31 दिसम्बर थी। जिला में कई जगह खुरपका और मुंहपका रोग से पीड़ित पशुओं की जानकारी मिलने के बाद पशुपालन विभाग की टीमें सक्रिय हो गई थी तथा टीमों के द्वारा पशुओं को टीके लगाने शुरु कर दिया था। रोग से बचाव को दवाएं भी दी गई। पशु पालन विभाग को करीब साढ़े 3 लाख वैक्सीन प्राप्त हुई हैं। बीते वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से वैक्सीनेशन अभियान नहीं हो पाया था जिस कारण यह रोग अधिक फैल गया।
क्या है रोग है तथा रोग के लक्ष्ण
खुरपका-मुंहपका रोग कीड़े से होता है, जिसे आंखें नहीं देख पाती हैं। इसे विषाणु कहते हैं। यह रोग किसी भी उम्र की गाय व भैंस में हो सकता है। हालांकि, यह रोग किसी भी मौसम में हो सकता है। इसके चपेट में आने से पशु सूख जाता है। उसकी कार्य व उत्पादन क्षमता कम हो जाती है। टीकाकरण से ही रोग की रोकथाम की जा सकती है। इस रोग की चपेट में आने पर पशु को तेज बुखार आता है। पशु के मुंह, मसूड़े, जीभ के ऊपर, होंठ के अंदर व खुरों के बीच छोटे-छोटे दाने उभर आते हैं। दाने आपस में मिलकर बड़ा छाला बनाते हैं। छाला फटने पर वहां जख्म हो जाता है। पशु जुगाली बंद कर देते हैं। मुंह से लार गिरने लगती है। वह सुस्त होकर खाना पीना तक छोड़ देता है। खुर में जख्म होने पर वह लंगड़ाकर चलता है। खुरों में कीचड़ लगने पर कीड़े पड़ जाते हैं। कभी-कभी मौत का कारण भी बनता है।
क्या कहते हैं पशुपालन विभाग धर्मशाला के उपनिदेशक
पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डाॅ. संजीव धीमान ने कहा कि खुरपका और मुंहपका रोग से पीड़ित पशुओं का इलाज जारी है। अब तक करीब 2 लाख वैक्सीन पशुओं को लगाई जा चुकी हैं। टीकाकरण अभियान अब 10 जनवरी 2022 तक जारी रहेगा। पशुपालकों से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में पशुपालक अपने पशुओं का टीकाकरण करवाएं।