सूखे से संकट में कृषि-बागवानी, कृषि मंत्री ने विभाग से तलब की नुक्सान की रिपोर्ट

Edited By Vijay, Updated: 27 Feb, 2021 11:36 PM

agro horticulture in crisis due to drought minister summoned report

सूखे के कारण कृषि व बागवानी पर अभी से संकट के बादल मंडराने लगे हैं। राज्य में एक जनवरी से 27 फरवरी तक 70 प्रतिशत कम मेघ बरसे हैं। इससे गेहूं, जौ सहित मटर, फूलगोभी, लहसुन, टमाटर, सेब, बादाम, प्लम, खुमानी, चैरी व नाशपाती इत्यादि की फसल पर सूखे की मार...

शिमला (देवेंद्र हेटा): सूखे के कारण कृषि व बागवानी पर अभी से संकट के बादल मंडराने लगे हैं। राज्य में एक जनवरी से 27 फरवरी तक 70 प्रतिशत कम मेघ बरसे हैं। इससे गेहूं, जौ सहित मटर, फूलगोभी, लहसुन, टमाटर, सेब, बादाम, प्लम, खुमानी, चैरी व नाशपाती इत्यादि की फसल पर सूखे की मार पड़नी शुरू हो गई है। प्रदेश में जल शक्ति विभाग की 200 से अधिक योजनाओं के अलावा किसानों की सैंकड़ों निजी योजनाओं के जल स्तर में बहुत ज्यादा गिरावट आ गई है। नदी-नाले सूखते जा रहे हैं। इसे देखते हुए कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सूखे से फसलों को अब तक हुए नुक्सान की विभाग से रिपोर्ट तलब कर दी है।

कम बारिश ने तोड़ा कई सालों का रिकॉर्ड 

आमतौर पर फरवरी महीने में सिंचाई की जरूरत भी कम ही पड़ती थी लेकिन इस बार लंबे ड्राई स्पेल के कारण सर्दियों में भी किसान सिंचाई करते आए हैं। किसानों को इस बात का भय है कि अप्रैल और मई महीने की भयंकर गर्मी में पानी का संकट और गहरा जाएगा क्योंकि बीते साल बरसात में 26 फीसदी और एक अक्तूबर से 31 दिसम्बर तक भी 18 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस साल जनवरी और फरवरी महीने में तो कम बारिश ने कई सालों के रिकॉर्ड ही तोड़ दिए हैं।

पीली पड़ती जा रही गेहूं की फसल

किसानों ने विभिन्न फसलों के खाद, बीज और दवाइयों पर हजारों रुपए खर्च करके फसलें लगा रखी हैं। गेहूं की फसल बढ़ने की बजाय जमीन पर ही पीली पड़ती जा रही है। हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, कांगड़ा और ऊना में गेहूं को बहुत ज्यादा नुक्सान होने की सूचना है। यही हाल दूसरी फसलों का है, क्योंकि प्रदेश में 75 प्रतिशत जमीन पर किसानों की फसलें बारिश के पानी पर निर्भर रहती हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के बावजूद इस साल बहुत कम बारिश व बर्फबारी हो रही है।

सूखे से बागवान नहीं कर पा रहे तौलिए

सेब सहित दूसरों फलों की खेती करने वाले बागवान अपने बगीचों में विभिन्न विकास कार्य नहीं कर पा रहे हैं। जमीन में नमी न होने से न तौलिए बना पा रहे, न खाद डाल पा रहे हैं और न ही नई प्लांटेशन कर पा रहे हैं। फरवरी महीने में ही तापमान बहुत ज्यादा रहने से बागवानों की ङ्क्षचताएं बढ़ती जा रही हैं। बगीचों में नमी सूखती जा रही है। एसई वर्क्स, जल शक्ति विभाग अंजू शर्म ने बताया कि एक सप्ताह पहले तक जल शक्ति विभाग की 200 स्कीमें सूखे से प्रभावित हो गई थीं। ताजा रिपोर्ट सोमवार तक फील्ड से ली जाएगी।

क्या बोले कृषि मंत्री

कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि सूखे से गेहूं व दूसरी फसलों को हुए नुक्सान की रिपोर्ट विभाग से मांगी गई है। जहां सिंचाई की सुविधा है, वहां गेहूं की फसल अच्छी है, लेकिन जहां सिंचाई की सुविधा नहीं है वहां नुक्सान हो रहा है। ऊना जिला में भी असिंचित क्षेत्र में गेहंू को 30 प्रतिशत तक नुक्सान की सूचना है।

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