Edited By Vijay, Updated: 15 Oct, 2024 07:17 PM
चैक बाऊंस के एक मामले में अदालत ने आरोपी को 8 माह के साधारण कारावास और 10 लाख रुपए हर्जाने की सजा सुनाई है। आरोपी द्वारा जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे 6 माह की अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी।
मंडी (रजनीश): चैक बाऊंस के एक मामले में अदालत ने आरोपी को 8 माह के साधारण कारावास और 10 लाख रुपए हर्जाने की सजा सुनाई है। आरोपी द्वारा जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे 6 माह की अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर एक के न्यायलय ने निगोशिएबल इन्स्ट्रुमैंट अधिनियम की धारा 138 के तहत चैक बाऊंस का अभियोग साबित होने पर पधर तहसील के नागरेहड (उरला) निवासी चिंत राम पुत्र हरी राम को उक्त सजा का फैसला सुनाया है।
अदालत में दायर शिकायत के मुताबिक आरोपी चिंत राम ने सदर तहसील के सांबल (पंडोह) निवासी शिव राम पुत्र इंदरू राम से अच्छे संबंध होने के कारण अपनी घरेलू जरूरतों के लिए 5 लाख रुपए की राशि गवाह गुरदास चंद के सामने उधार ली थी। इस राशि की अदायगी के लिए आरोपी ने शिकायतकर्ता को एक चैक जारी किया था। शिकायतकर्ता ने जब यह चेक बैंक में भुगतान के लिए लगाया तो आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण यह बाऊंस हो गया था।
शिकायतकर्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से आरोपी को कानूनी नोटिस जारी करके राशि की मांग की थी, लेकिन इसके बावजूद भी राशि अदा न करने पर शिकायतकर्ता ने अदालत में शिकायत दायर की थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी पर विधिक देनदारी को अदा करने के लिए चैक जारी करने और इसके बाऊंस हो जाने का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। इसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और हर्जाने की सजा सुनाई।
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