Himachal Election : चारों खाने चित हुई BJP, 11 में से 8 मंत्रियों को मिली करारी हार

Edited By Rahul Singh, Updated: 08 Dec, 2022 04:19 PM

8 ministers of bjp lost in himachal assembly elections

हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर राज बदला है, जबकि रिवाज कायम रहा। हालांकि जयराम ठाकुर ने कई माैकों पर जताया कि बीजेपी रिवाज साै प्रतिशत बदलेगी, लेकिन कांग्रेस ने कुछ अहम मुद्दों के साथ मैदान पर उतरते हुए रिवाज कायम रखने में सफलता हासिल की।

शिमला : हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर राज बदला है, जबकि रिवाज कायम रहा। हालांकि जयराम ठाकुर ने कई माैकों पर जताया कि बीजेपी रिवाज साै प्रतिशत बदलेगी, लेकिन कांग्रेस ने कुछ अहम मुद्दों के साथ मैदान पर उतरते हुए रिवाज कायम रखने में सफलता हासिल की। जयराम ठाकुर समेत कुल 11 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर थी, लेकिन वह चित होते नजर आए परंतु जनता ने उनके 8 मंत्रियों को दरकिनार करते हुए कांग्रेस को अपनाने का इरादा साफ रखा। बीजेपी की ओर से तीन मंत्री जयराम ठाकुर, विक्रम ठाकुर व सुखराज चाैधरी ही जीत सके। ऐसा नहीं है कि बीजेपी के मंत्रियों को इस बार ज्यादा सीट पर हार झेलने पड़ी। इससे पहले भी हुए चुनावों में 50 से 70 फीसदी मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा। 

BJP के इन 8 मंत्रियों मिली करारी हार-

1. सुरेश भारद्वाज 
शहरी विकास मंत्री और कसुम्पटी विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी सुरेश भारद्वाज हार गए। सुरेश भारद्वाज को शिमला शहरी की जगह कसुम्पटी से उतारा गया, जहां कांग्रेस के अनिरूद्ध सिंह ने उनको 10 हजार से भी ज्यादा वोटों से मात दी।

2. राकेश पठानिया
नूरपुर के विधायक और वन मंत्री रहे राकेश पठानिया फतेहपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार भवानी सिंह पठानिया से हार गए। भवानी को 33238 वोट मिले तो राकेश को 25884 वोट मिले।

3. गोविंद सिंह ठाकुर हारे 
गोविंद सिंह ठाकुर भी मनाली विधानसभा सीट से हार गए। तीन बार लगातार जीत हासिल कर चुके गोविंद सिंह ठाकुर बीते 15 सालों से गोविंद ठाकुर ही यहां विधानसभा चुनावों में अपनी पकड़ बनाए हुए थे, लेकिन कांग्रेस के भुवनेश्वर गौड़ से लगभग 3 हजार वोटों से जीत हासिल कर ली।

4. वीरेंद्र कंवर हारे
ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन विभाग के मंत्री रहे वीरेंद्र कंवर भी जीत नहीं सके। कांग्रेस के उम्मीदवार देवेंद्र कुमार भुट्टो ने 7 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है। साल 2017 में वीरेंद्र कंवर ने कांग्रेस के व‍िवेक शर्मा को हराया था। वीरेंद्र कंवर इस सीट पर पिछले चार चुनाव यानी 2003 से लगातार जीतते आ रहे थे, लेकिन भुट्टो ने इस बार बाजी मार ली।

5. सरवीन चौधरी 
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी भी अपनी सीट नहीं बचा सकीं। शाहपुर विधानसभा सीट से उन्हें मेजर विजय सिंह मनकोटिया से सपोर्ट मिला, लेकिन अंत में कांग्रेस उम्मीदवार केवल सिंह पठानिया ने इस बार सरवीन चौधरी को लगभग 12 हजार वोटों से हरा दिया।

6. राजीव सैजल 
कसौली विधानसभा सीट से विधायक और स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल भी हार गए। इस सीट से लगातार तीन चुनाव जीतने के बाद राजीव सैजल को कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी ने 7 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव हरा दिया है।

7. राजेन्द्र गर्ग 
जयराम सरकार में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रहे राजेन्द्र गर्ग घुमारवीं विधानसभा सीट से हारे। यहां कांग्रेस के राजेश धर्माणी 5 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की। 

8. रामलाल मारकंडा 
भाजपा की ओर से तकनीकी शिक्षा मंत्री रामलाल मारकंडा भी जिला लाहौल स्पीति की एकमात्र सीट का मुकाबला हार गए। हालांकि, यह मुकाबला काफी दिलचस्प रहा। रामलाल मारकंडा लगभग 1700 मतों से हारे। कांग्रेस ने रवि ठाकुर ने यहां जीत हासिल की है।
 

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