राज्य कर एवं आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई, सिरमौर व बीबीएन के 7 उद्योगों को 8.29 करोड़ का जुर्माना

Edited By Vijay, Updated: 07 Oct, 2022 10:12 PM

8 29 crore fine for 7 industries of sirmaur and bbn

राज्य कर एवं आबकारी विभाग की दक्षिणी क्षेत्र राज्य कर एवं आबकारी प्रवर्तन परवाणु ने जीएसटी की कथित चोरी के मामले सिरमौर व बीबीएन के नॉन वोवन कैरी बैग्स बनाने वाले 7 उद्योगों को 8.29 करोड़ रुपए का जुर्माना किया है। इसमें से एक उद्योग ने तो जुर्माना...

सोलन (नरेश पाल): राज्य कर एवं आबकारी विभाग की दक्षिणी क्षेत्र राज्य कर एवं आबकारी प्रवर्तन परवाणु ने जीएसटी की कथित चोरी के मामले सिरमौर व बीबीएन के नॉन वोवन कैरी बैग्स बनाने वाले 7 उद्योगों को 8.29 करोड़ रुपए का जुर्माना किया है। इसमें से एक उद्योग ने तो जुर्माना जमा भी कर दिया है। मजेदार बात यह है कि जीएसटी की कथित चोरी कर रहे यह उद्योग इनपुट टैक्स क्रैडिट का लाभ उठाकर सरकारी खजाने को 5.97 करोड़ रुपए की चपत भी लगाई क्योंकि यह राशि सरकारी खजाने से उनके खाते में रिफंड हुई। नॉन वोवन कैरी बैगस के कच्चे माल व तैयार माल पर जीएसटी की दर 18 फीसदी है। कुछ निर्माताओं को यह भ्रम था कि इन बैग्स पर जीएसटी 5 फीसदी है। हालांकि केन्द्र सरकार ने 31 दिसम्बर, 2018 को यह क्लीयर कर दिया कि नॉन वोवन कैरी बैग्स पर जीएसटी 18 फीसदी है।

इस बीच राज्य कर एवं आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने एडवांस रूलिंग के तहत यह आदेश पारित कर दिया कि कैरी बैग पर जीएसटी 5 फीसदी है। इसी का हवाला देते हुए इन सभी उद्योगों ने 18 फीसदी के स्थान पर 5 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना शुरू कर दिया। इससे प्रदेश राजस्व को 13 फीसदी का चूना लगा। हैरानी की बात यह है कि एडवांस रूलिंग को मानते हुए 11 नवम्बर, 2020 को 1.01 करोड़ रुपए के कर को माफ कर दिया, जिसके बाद इस उद्योग को सरकारी खजाने से 1.82 करोड़ रुपए रिफंड हुए। सीबीआईसी और जीएसटी ने नाॅन वोवन सहित श्रेणी के सभी वस्तुओं पर 18 फीसदी जीएसटी की अधिसूचना 30 दिसम्बर, 2019 को अधिसूचना जारी की थी। प्रदेश सरकार ने इस अधिसूचना को अक्षरश: अधिसूचित किया कि नॉन वोवन पर 18 फीसदी जीएसटी लिया जाएगा। 

संयुक्त आयुक्त ने दक्षिणी क्षेत्र राज्य कर एवं आबकारी प्रवर्तन परवाणु का पदभार सम्भालते ही इस मामले की जांच शुरू कर दी। भूपेन्द्र सिंह को इस मामले का जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। उन्होंने ही ये मामले मार्च-अप्रैल, 2019 में पकड़े थे। उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया इन पर जीएसटी 18 फीसदी बनती है। 5 फीसदी जीएसटी के आदेश सरकारी आदेश पत्रों की उल्लंघना है। यह खुलासा करने के बाद जांच अधिकारी का तबादला हो गया। इसके बाद उनके स्थान पर नियुक्त किए जांच अधिकारी ने इन उद्योगों से शेष 13 फीसदी कर ब्याज व जुर्माना सहित वसूलने की सिफारिश अपनी रिपोर्ट में की। इसके बाद विभाग ने इन सभी उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। सभी ने अपने बचाव में एडवांस रूलिंग अथॉरिटी द्वारा 20 दिसम्बर, 2020 की एडवांस रूलिंग के हवाले को अपने बचाव में प्रस्तुत किया, जिसमें 5 फीसदी जीएसटी देय था। बयान सुनने के बाद विभाग ने आदेश पारित किया 20 फरवरी, 2020 और 18 जून, 2021 के 5 फीसदी जीएसटी के आदेश भारत सरकार की जीएसटी काऊंसिल के 18 फीसदी जीएसटी रेट को किसी भी सूरत में ओवर रूल नहीं कर सकते। इस पर 5 उद्योगों को 5.49 करोड़ रुपए व 2 उद्योगों को 2.80 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया। 

राज्य कर एवं आबकारी विभाग की दक्षिणी क्षेत्र राज्य कर एवं आबकारी प्रवर्तन परवाणु सहायक आयुक्त एनएन शर्मा, अश्वनी कश्यप के साथ जांच अधिकारी भूपेन्द्र सिंह, रूपिंदर सिंह, गुरुबचन सिंह, शशिकांत, मनोज सचदेवा और ध्यान सिंह ने इस मामले की जांच की और खुलासा किया। राज्य कर एवं आबकारी विभाग की दक्षिणी क्षेत्र राज्य कर एवं आबकारी प्रवर्तन परवाणु संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने बताया कि यह मामला काफी पेचीदा था लेकिन विभाग के अधिकारी ने इस  मामले का खुलासा ही नहीं किया बल्कि इन उद्योगों पर 8.29 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है। दक्षिणी क्षेत्र राज्य कर एवं आबकारी प्रवर्तन परवाणु जीएसटी चोरी के लगातार मामले पकड़ रहा है। भविष्य में भी यह कार्रवाई जारी रहेगी। 

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