Kullu: 40 दिनों से नाले का मटमैला पानी पी रहे 600 ग्रामीण, डीसी को सुनाया दुखड़ा

Edited By Vijay, Updated: 07 Sep, 2024 06:35 PM

600 villagers have been drinking muddy water from the drain for 40 days

सरकार की हर घर जल, स्वच्छ जल उपलब्ध करवाने की योजना आपदा के आगे घुटने टेकती नजर आ रही है। मणिकर्ण घाटी के मलाणा नाले में एक महीना पहले आई बाढ़ से पानी की योजनाएं ध्वस्त हो गई हैं...

कुल्लू (गौरीशंकर): सरकार की हर घर जल, स्वच्छ जल उपलब्ध करवाने की योजना आपदा के आगे घुटने टेकती नजर आ रही है। मणिकर्ण घाटी के मलाणा नाले में एक महीना पहले आई बाढ़ से पानी की योजनाएं ध्वस्त हो गई हैं लेकिन उसके बाद क्षेत्र के ग्रामीणों को विभाग की ओर से स्वच्छ पानी पिलाने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया। लिहाजा, क्षेत्र के ग्रामीण इतने लंबे समय से नाले का गंदा मटमैला पानी पीने को मजबूर हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य से सीधे तौर पर खिलवाड़ हो रहा है। खासकर क्षेत्र के चौहकी और आसपास की करीब 600 की आबादी पूरे 38 दिनों से नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर है लेकिन जल शक्ति विभाग को बार-बार कहने के बाद भी इस मसले को गंभीरता से नहीं ले रहा है। ग्रामीणों का तर्क है कि विभाग को सबसे पहले वैकल्पिक रूप से शुद्ध पानी का प्रबंध करना चाहिए था जब तक योजना को रिस्टोर नहीं किया जाता। विभाग के अधिकारी कार्यालय में बैठकर बिजली परियोजना प्रबंधन से लैटर-लैटर खेल रहे हैं। कोटीनाला-चौहकी पानी की योजना के ध्वस्त होने से जल शक्ति विभाग को 29 लाख रुपए का नुक्सान हुआ है।

डीसी कार्यालय में बोतल में भरकर लाए गंदा पानी
ग्रामीण गंदा पानी डीसी कार्यालय में बोतल भरकर लाए और कहा कि मैडम इस तरह का गंदा पानी पीने को ग्रामीण मजबूर हो रहे हैं, जिससे उनके बीमार होने का भी अंदेशा बना हुआ है। स्वास्थ्य से सीधा मामला जुड़ा होने के कारण उन्होंने डीसी से उचित कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि ग्रामीण किसी तरह के संकट में न पडे़ं। उन्होंने डीसी तोरुल एस. रवीश से मांग की है कि जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश जारी कर ग्रामीणों के लिए शुद्ध पानी उपलब्ध करवाने के निर्देश जारी किए जाएं। इस पर डीसी ने आश्वासन दिया कि विभाग को जल्द क्षेत्र के लोगों को पानी उपलब्ध करवाने के निर्देश जारी किए जाएंगे।

1700 मीटर लाइन हुई क्षतिग्रस्त
बाढ़ से चौहकी और साथ लगे घरों को जाने वाली पानी की योजना कोटीनाला से चौहकी करीब 1700 मीटर क्षेत्र में पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। ऐसे में गांव के लोगों को पानी उपलब्ध करवाने के लिए कोई विकल्प नहीं बचा है। हालांकि ग्रामीणों की मानें तो परियोजना प्रबंधन की ओर से कुछ प्लास्टिक की पाइपें उपलब्ध करवाई थीं, लेकिन ये फट गई है जिस कारण गांव को पानी नहीं पहुंच रहा है। ऐसे में कुछ ग्रामीणों ने अपने स्तर पर रबड़, प्लास्टिक की पाइपें खरीदकर नाले का पानी गांव तक लाया है लेकिन नाले का पानी पूरी तरह से गंदा और मटमैला है। उसे फिल्टर करने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यह पानी गांव के लोगों की सेहत पर भारी पड़ सकता है।

क्या कहते हैं विभाग के अधिकारी
जल शक्ति विभाग के एक्सियन अमित मेरूपा का कहना है कि विभाग ने इस पानी की योजना को रिस्टोर करने के लिए बिजली प्रोजैक्टों को एटीमेट बनाकर भेजा है। जैसे ही धन उपलब्ध होगा तो उसके बाद इस योजना को रिस्टोर करने का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा ताकि क्षेत्र के लोगों को पानी उपलब्ध हो सके।
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