Edited By Vijay, Updated: 30 Dec, 2025 08:20 PM

मनाली को लाहौल से जोड़ने वाली अटल सुरंग ने शीत मरुस्थल के नाम से मशहूर लाहौल घाटी में पर्यटन और आर्थिकी की तस्वीर पूरी तरह बदल दी है। इस उल्लेख राज्यसभा सांसद प्रो. सिकन्दर कुमार द्वारा लिखित पुस्तक "मोदी युग में आर्थिक सशक्तिकरण" में किया गया है।
मनाली (ब्यूरो): मनाली को लाहौल से जोड़ने वाली अटल सुरंग ने शीत मरुस्थल के नाम से मशहूर लाहौल घाटी में पर्यटन और आर्थिकी की तस्वीर पूरी तरह बदल दी है। इस उल्लेख राज्यसभा सांसद प्रो. सिकन्दर कुमार द्वारा लिखित पुस्तक "मोदी युग में आर्थिक सशक्तिकरण" में किया गया है। पिछले सप्ताह उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन द्वारा विमोचित इस पुस्तक में बताया गया है कि अटल सुरंग के कारण लाहौल में अब साल भर पर्यटन सीजन रहता है। औसतन 1 लाख पर्यटक हर महीने इस सुरंग से गुजरते हैं, जो इस क्षेत्र के लिए एक आर्थिक उत्प्रेरक साबित हो रहा है। साथ ही, यह सुरंग भारतीय सशस्त्र बलों को लद्दाख तक पहुँचने के लिए एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक संपर्क मार्ग भी प्रदान करती है।
पर्वतमाला परियोजना से जुड़ेंगे दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र
सांसद सिकन्दर कुमार ने अपनी पुस्तक में केंद्र सरकार के 'पर्वतमाला रोपवे कार्यक्रम' का विशेष उल्लेख किया है। इस योजना का उद्देश्य दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में आम लोगों के लिए आवागमन को सुगम बनाना है। योजना के तहत आगामी 5 वर्षों में 250 से अधिक रोपवे परियोजनाओं का विकास किया जाएगा, जिनकी कुल लम्बाई 1200 किलोमीटर होगी। राज्य में पर्यावरण के अनुकूल और विश्व स्तरीय तकनीक का उपयोग करते हुए 3232 करोड़ रुपए की लागत से 7 प्रमुख रोपवे परियोजनाओं का निर्माण किया जाएगा, जिनकी कुल लम्बाई 57.1 किलोमीटर होगी।
हिमाचल के इन 7 रूटों पर बनेंगे रोपवे
- पर्वतमला रोपवे कार्यक्रम के अन्तर्गत किलाड़ से साच दर्रा (जिला चम्बा) सबसे बड़ी परियोजना होगी। 20.4 किलोमीटर लम्बे इस रोपवे पर 1618 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- 13.5 किलोमीटर लम्बी रोपवे परियोजना पालमपुर थात्री-छुंजा ग्लेशियर की लागत 605 करोड़ रुपए होगी।
- 6.5 किलोमीटर लम्बी रोपवे परियोजना हिमानी से चामुंडा (जिला कांगड़ा) के लिए 289 करोड़ रुपए का बजट है।
- 8 किलोमीटर लम्बी रोपवे परियोजना शिरगुल महादेव मंदिर से चूड़धार (जिला सिरमौर) पर 250 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- 3.2 किलोमीटर लम्बी रोपवे परियोजना बिजली महादेव मंदिर (जिला कुल्लू) की लागत 200 करोड़ रुपए है।
- 3 किलोमीटर लम्बी रोपवे परियोजना लुहणू–बंदला (जिला बिलासपुर) का निर्माण 150 करोड़ रुपए से होगा।
- 2.5 किलोमीटर लम्बी रोपवे परियोजना भरमौर से भरमानी माता मंदिर पर 120 करोड़ रुपए की लागत आएगी।