Himachal: अब फ्री में नहीं बनेगी पर्ची, चम्बा अस्पताल में चुकाने होंगे 10 रुपए, मरीजों की बढ़ी परेशानी

Edited By Jyoti M, Updated: 28 Oct, 2025 11:54 AM

10 rupees will have to be paid in chamba hospital

पंडित जवाहर लाल नेहरू मैडीकल कालेज एवं अस्पताल चम्बा में अब पर्ची निःशुल्क नहीं बनेगी। मरीज को पर्ची बनाने के लिए 10 रुपए शुल्क चुकाना पड़ेगा। अस्पताल में यह नई व्यवस्था लागू हो गई है। मरीजों को पर्ची पंजीकरण काऊंटर पर ही यह शुल्क जमा करवाना पड़ेगा।...

चम्बा, (काकू चौहान): पंडित जवाहर लाल नेहरू मैडीकल कालेज एवं अस्पताल चम्बा में अब पर्ची निःशुल्क नहीं बनेगी। मरीज को पर्ची बनाने के लिए 10 रुपए शुल्क चुकाना पड़ेगा। अस्पताल में यह नई व्यवस्था लागू हो गई है। मरीजों को पर्ची पंजीकरण काऊंटर पर ही यह शुल्क जमा करवाना पड़ेगा। इसके बाद पर्ची मिलेगी। शुरूआत में सभी मरीजों से शुल्क लिया जाएगा। बाद में कुछ वर्गों को छूट मिल सकती है। इसके लिए आर.के.एस. की बैठक में चर्चा के बाद आगामी फैसला लिया जाएगा। इस नई व्यवस्था का विरोध भी शुरू हो गया है। कुछ लोग इस निर्णय को गलत करार दे रहे हैं। 

सरकार ने रोगी कल्याण समिति की ओर से दी जाने वाली सेवाओं स्वच्छता, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और उपकरणों के रखरखाव को सुदृढ़ करने के लिए यह शुल्क तय किया है। इसके आदेश काफी समय पहले जारी हो चुके हैं। वहीं कुछ अस्पतालों में शुल्क लागू भी हो चुका है। इसमें मैडीकल कालेज टांडा, आई.जी.एम.सी. शिमला व नाहन शामिल हैं, लेकिन मैडीकल कालेज चम्बा में इसकी शुरूआत की गई। मैडीकल कालेज चम्बा में प्रतिदिन करीब 1000 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं।

इस तरह 10 रुपए शुल्क लिए जाने से मैडीकल कालेज प्रबंधन को प्रतिदिन 10,000 और एक माह में 3,00,000 रुपए राजस्व प्राप्त होगा। यह राशि भले ही मरीजों की जेब से जाएगी, लेकिन मरीजों को ही बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर ही खर्च की जाएगी। बता दें कि इससे पहले अस्पतालों में मरीजों की पर्चियां पूरी तरह से निःशुल्क बनाई जाती थीं। उनसे किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता था। पहली बार मैडीकल कालेज में इस तरह की व्यवस्था शुरू हुई है।

सरकार का दुर्भाग्यपूर्ण और जनविरोधी कदम : शिशु

स्थानीय निवासी शिशु गुप्ता ने कहा कि यह प्रदेश सरकार का दुर्भाग्यपूर्ण और जनविरोधी कदम है। सरकारी अस्पतालों की पहचान हमेशा गरीब और मध्यमवर्गीय जनता को सस्ती व सुलभ चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने की रही है, लेकिन अब सरकार जनता पर छोटे-छोटे शुल्क लगाकर उनके अधिकारों पर कुठाराघात कर रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि स्वास्थ्य सेवा राजस्व कमाने का माध्यम नहीं, बल्कि सेवा और संवेदना का प्रतीक है। अगर प्रदेश सरकार को अस्पतालों की व्यवस्था सुधारनी है तो उसे जनता की जेब पर भार डालने की बजाय व्यवस्था और प्रबंधन में सुधार लाना चाहिए। शिशु गुप्ता ने मांग की कि प्रदेश सरकार इस निर्णय पर तत्काल पुनर्विचार करे और आम जनता को राहत प्रदान करे, ताकि कोई भी गरीब व्यक्ति सिर्फ 10 रुपए के कारण इलाज से वंचित न रह जाए। 

तुरंत वापस लिया जाए निर्णय : जय सिंह

भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जय सिंह ने कहा कि पर्ची बनाने का शुल्क लेना ठीक नहीं है। यह गरीब व असहाय लोगों के साथ अन्याय है। अस्पतालों में पहले से ही स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं। अब सरकार ने 10 रुपए शुल्क लगाकर मरीजों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। इस निर्णय को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया तो धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

नीरज नैय्यर, विधायक, चम्बा सदर का कहना है कि सरकार ने रोगी कल्याण समितियों को शुल्क लेने या न लेने के लिए अधिकृत किया था। यह निर्णय आर. के. एस. का है। आर. के. एस. ने चर्चा के बाद ही यह निर्णय लिया होगा। 

डा. जालम सिंह भारद्वाज, एम.एस. मैडीकल कालेज चम्बा कहा कहना है कि करीब 2 माह पहले इस संबंध में आदेश जारी हो चुके थे। कुछ कालेजों में इसे पहले ही लागू कर दिया गया है। मैडीकल कालेज चम्बा में सोमवार से शुल्क लेना शुरू किया गया है। आने वाले दिनों में बी.पी.एल. समेत कुछ अन्य वर्गों को इसमें छूट दी जाएगी। शुरूआत में सभी से शुल्क लिया जा रहा है।
 

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