एनआईटी के भर्ती घोटाले पर खामोश क्यों हैं सांसद अनुराग : राणा

Edited By prashant sharma, Updated: 24 Jun, 2020 05:15 PM

why mp anurag is silent on nit recruitment scam rana

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने लगातार फिर एनआईटी हमीरपुर में बेखौफ चले भर्ती भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाए हैं।

हमीरपुर : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने लगातार फिर एनआईटी हमीरपुर में बेखौफ चले भर्ती भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि गंभीर चिंता की बात यह है कि जहां एक ओर एनआईटी में भ्रष्टाचार का खुला खेल चला हुआ है, वहीं अब देश-विदेश से यहां शिक्षा लेने आए छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो उठे हैं। एनआईआरएफ रैंकिंग 2020 में संस्थान का सबसे खराब प्रदर्शन इस भ्रष्टाचार को पुख्ता कर रहा है। चुंकि राष्ट्रीय स्तर के राष्ट्रीय स्तर का यह संस्थान एनआईटी हमीरपुर राज्य सरकार के अधीन नहीं आता है। यह संस्थान केंद्र के मानव संसाधन मंत्रालय के अंतर्गत आता है। ऐसे में प्रदेश के चारों सांसदों का दायित्व बनता है कि प्रदेश के एकमात्र एनआईटी हमीरपुर में बेखौफ चल रहे भ्रष्टाचार की तुरंत जांच करवाएं और जब तक जांच पूरी नहीं होती है, संस्थान के निदेशक को एमएचआरडी तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करे। 

उन्होंने कहा कि हालांकि एनआईटी हमीरपुर में भ्रष्टाचार का यह षडय़ंत्र सासंद अनुराग ठाकुर के गृह जिला व उनके पड़ोस में चल रहा है। बावजूद इस पर अनुराग ठाकुर अभी तक रहस्यमयी चुप्पी साधे हुए हैं। उन्हें एनआईटी के कुछ पूर्व छात्रों ने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने कई बार सांसद अनुराग ठाकुर से संपर्क करना चाहा लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया है। उन्होंने सवाल खड़ा किया है कि मानव संसाधन मंत्रालय जिन लोगों की एनआईटी हमीरपुर में भाई-भतीजावाद के आधार पर भर्ती हुई है, उनके नाम और पते पब्लिक डोमेन में तुरंत अपलोड़ करवाए। एड्रेस अपलोड़ होते ही सारा खुलासा स्वयं हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अब जहां एक ओर वर्तमान छात्र एनआईटी में चले भ्रष्टाचार को खुलासा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर एनआईटी हमीरपुर से पढ़कर निकल चुके छात्रों की संस्था एलुमनी ने एमएचआरडी को शिकायत करके संस्थान की भ्रष्ट कारगुजारी का काला चिट्ठा मंत्रालय को भेजा है। छात्रों ने मंत्रालय को लिखी शिकायत में कहा है कि इस वर्ष एनआईटी की प्लेसमेंट का ग्राफ भी बहुत खराब रहा है। अनुसंधान और प्रयोगशालाओं की हालत बद से बदतर हो चुकी है। 

एक्स-रे डिफ्रेटोमीटर वर्षों से खराब पड़ा है। संस्थान की अधिकांश प्रयोगशालाओं का रख-रखाव बेहद खराब है। आलम यह है कि सीईडी लैब में 10 फीसदी से कम कंप्यूटर काम करते हैं। ऐसे में छात्रों को स्वयं के लैपटॉप लाने को कहा जाता है। उन्होंने कहा कि दर्जनों पेजों की इस चिट्ठी पर गौर किया जाए तो एनआईटी हमीरपुर बद से बदहाल हो चुका है। जहां शैक्षणिक माहौल संस्थान के दृष्टिकोण के खिलाफ चल रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर एनआईटी हमीरपुर के भर्ती घोटाले की जांच नहीं होती है तो मजबूरन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले इस भ्रष्टाचार के खिलाफ जन आंदोलन होगा।
 

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