Edited By prashant sharma, Updated: 14 May, 2020 06:51 PM
प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने केंद्र द्वारा 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा का स्वागत किया है। इसका निजी तौर पर वह भी स्वागत करते हैं।
हमीरपुर : प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने केंद्र द्वारा 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा का स्वागत किया है। इसका निजी तौर पर वह भी स्वागत करते हैं। राजनीति की बात राजनीति से है लेकिन जहां देश और प्रदेश के हित का सवाल है, तो मैं राजनीति से हमेशा ऊपर उठकर बात करता हुं। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी अप्रैल में प्रदेश को 2 हजार करोड़ रुपया केंद्र द्वारा देने का दावा किया गया है। अब केंद्र के लाखों-करोड़ों के पैकेज के ऐलान के साथ प्रदेश को 2 हजार करोड़ रुपए की उदार सहायता मिलने के बावजूद पहले से कर्ज में डूबी प्रदेश सरकार और कर्जा किस मकसद से ले रही है, यह अब सरकार को स्पष्ट करना ही होगा। क्योंकि इस बात को विपक्षी के नाते मैं भी जिम्मेदारी से जानना चाहता हूं और प्रदेश की जनता जो इस उदार सहायता के बाद राहत के किसी बड़े चमत्कार की उम्मीद कर रही है वह भी जानना चाहती है।
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि प्रदेश में जब पहली बार डबल इंजन की सरकार ने दौड़ लगा ही दी है तो सवाल यह उठता है कि कोविड-19 की मार से विकट आर्थिक परिस्थितियों में फंसे कर्मचारियों व अधिकारियों का वेतन रिलीफ के नाम पर क्यों काटा जा रहा है। जब प्रदेश सरकार को केंद्र से दिल खोल कर उदार सहायता लाखों-करोड़ों में मिल रही है तो रिलीफ के नाम पर कर्मचारियों का वेतन काटना न तर्क संगत माना जा सकता है, न ही न्याय संगत कहा जा सकता है। यह दीगर है कि सरकार के खौफ से संकट में फंसा कर्मचारी वर्ग रिलीफ के नाम पर काटे गए वेतन पर अभी बात नहीं कर रहा है, लेकिन उन्हें मिली फीडबैक के मुताबिक कोविड-19 से जूझ रहे कर्मचारी सरकार के इस कदम से खुद को आहत व प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर तो सरकार कोविड संकट के नाम पर प्रदेश के विकास को बंद करके बैठी है और दूसरी तरफ लाखों, करोड़ों के बजट के ऐलान पर सरकार का केंद्र का धन्यवाद करते हुए चिंता में पड़ी जनता को राहत की बड़ी उम्मीद जगा रही है। उन्होंने बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि अगर केंद्र से इतना ज्यादा बजट आ रहा है तो फिर विधायक विकास निधि जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-छोटे विकास कार्य होते हैं, उसको किस मकसद से प्रदेश सरकार ने फ्रीज किया है, सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी होगी। अरबों की यह घोषणाएं जमीनी हकीकत पर भी खरी उतर पाएंगी या यह घोषणाएं और अरबों के बजट महज कागजों में ही राहत का जरिया व जुमला बनेंगी। लेकिन कोरोना संकट में यह घोषणाएं महज पहले की तरह घोषणाएं साबित होती हैं तो यह देश और प्रदेश एक बार फिर खुद को ठगा महसूस करेगा।