Edited By Vijay, Updated: 07 Feb, 2025 11:56 AM
![when 5 foot girl sitting on driving seat drove bus on national highway](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_11_55_433939668anjudevi-ll.jpg)
हिमाचल की बेटियां अब हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना रही हैं। सेना, स्वास्थ्य, शिक्षा से लेकर तकनीकी और प्रशासनिक सेवाओं तक, हर जगह वे कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं....
नूरपुर: हिमाचल की बेटियां अब हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना रही हैं। सेना, स्वास्थ्य, शिक्षा से लेकर तकनीकी और प्रशासनिक सेवाओं तक, हर जगह वे कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं, लेकिन एक ऐसा क्षेत्र भी है जहां महिलाओं की संख्या लगभग शून्य रही है और वहां भी हिमाचली बेटियां अपनी छाप छोड़ रही हैं। हम बात कर रहे हैं बस चालक के पेशे की, जिसमें भरमौर की रहने वाली अंजू देवी ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
ड्राइविंग सीट पर 5 फुट की लड़की, लेकिन आत्मविश्वास में किसी से कम नहीं
अंजू देवी वर्तमान में गंगथ कस्बे में रह रही हैं, जहां उनके माता-पिता फास्ट फूड का व्यवसाय करते हैं। बचपन से ही अंजू को गाड़ियों का शौक था और यही शौक अब उसके जुनून में बदल गया है। वीरवार को जब जसूर मंडलीय वर्कशॉप में अंजू ने बस का स्टीयरिंग संभाला और नैशनल हाईवे पर फर्राटे भरते हुए बस दौड़ाई तो हर कोई हैरान रह गया। किसी को यकीन ही नहीं हुआ कि यह बस कोई नवोदित चालक चला रहा है। महज 5 फुट की कद-काठी वाली यह बेटी आत्मविश्वास से लबरेज थी और उसकी ड्राइविंग स्किल्स ने सभी को प्रभावित कर दिया।
बचपन से था बड़े वाहन चलाने का सपना
अंजू देवी ने बताया कि उसने पहले हल्के वाहन चलाने सीखे, लेकिन उनका सपना हमेशा से भारी वाहन, विशेष रूप से वोल्वो बस चलाने का था। अब जब उसने अपनी ट्रेनिंग का पहला चरण पूरा कर लिया है तो अगला लक्ष्य वोल्वो बस चलाकर पहाड़ी रास्तों पर खुद को साबित करना है।
तकनीकी अधिकारी ने भी सराहा अंजू का हौसला
जसूर कार्यशाला के तकनीकी अधिकारी अक्षय धीमान ने अंजू के जज्बे की सराहना करते हुए कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का पूरा अधिकार है और अंजू इसका बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने कहा कि अगर कोई लड़की बस चालक बनने का सपना देख सकती है और उसे पूरा करने के लिए मेहनत कर सकती है तो यह साबित करता है कि लड़कियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।
दूसरी लड़कियों के लिए प्रेरणा बनना चाहती है अंजू
हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य में बस चलाना आसान नहीं होता। घुमावदार संकरी सड़कों और कठिन मौसम में वाहन को संभालना किसी चुनौती से कम नहीं होता, लेकिन अंजू देवी ने यह दिखा दिया कि वह इस चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार है। वह न केवल खुद आत्मनिर्भर बनना चाहती है, बल्कि दूसरी लड़कियों के लिए भी एक प्रेरणा बनना चाहती है।
वोल्वो बस चलाना है अलगा लक्ष्य
अंजू देवी की अगली मंजिल वोल्वो बस चलाना है। उसने कहा कि मुझे बचपन से ही बड़े वाहन चलाने का शौक था। अब जब मैंने बस चालक का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है तो जल्द ही वोल्वो बस चलाकर अपना सपना पूरा करूंगी।
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