Himachal: 12 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने वाले जलरक्षक बनेंगे पंप अटैंडैंट, डिप्टी सीएम ने पोस्ट डालकर किया ऐलान

Edited By Vijay, Updated: 24 Jul, 2025 08:47 PM

water guards who complete 12 years of service will become pump attendants

हिमाचल में जलरक्षकों को राहत मिलने जा रही है, क्योंकि उनकी चिरलंबित मांग पूर्ण होने वाली है। इस बात का ऐलान जल शक्ति विभाग का जिम्मा संभालने वाले उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने स्वयं किया है।

शिमला (संतोष): हिमाचल में जलरक्षकों को राहत मिलने जा रही है, क्योंकि उनकी चिरलंबित मांग पूर्ण होने वाली है। इस बात का ऐलान जल शक्ति विभाग का जिम्मा संभालने वाले उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने स्वयं किया है। उन्होंने अपने साेशल मीडिया अकाऊंट पर पोस्ट डालकर इस बात को कहा है, जिससे प्रदेश के 12 वर्ष का सेवाकाल पूर्ण करने वाले जलवाहक पंप अटैंडैंट बनेंगे। इसके लिए इस मामले को कैबिनेट की मंजूरी के लिए लाया जा रहा है। विभाग में 12 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके जलरक्षकों की संख्या करीब 1400 है और ऐसे में इसी वर्ष राज्य सरकार की ओर से इन जलरक्षकों को बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। 

उपमुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया पेज पर लिखा है कि जलरक्षक लगातार पक्के किए जाने को लेकर हमें पत्र लिख रहे हैं, जिसके माध्यम से यह भी दलील दी जा रही है कि आपदा के दौरान पानी योजनाएं बहाल करने में जलरक्षक भूमिका निभाने में लगे हैं, ऐसे में जलशक्ति विभाग में 12 वर्ष पूरे कर चुके करीब 1400 कर्मियों को पंप अटैंडैंट बनाने के लिए मामला मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए ले जाया जा रहा है।

उपमुख्यमंत्री ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि जल जीवन मिशन के तहत हुई भर्तियों का पैसा केंद्र की ओर से जारी न होने से पेश आ रही दिक्कत के मद्देनजर राज्य कोष से 4.25 करोड़ रुपए जारी कर 500 से ज्यादा कर्मचारियों का वेतन जल शक्ति विभाग ने दे दिया है। हमने केंद्र से जलजीवन मिशन का बकाया 1,200 करोड़ जारी करने का आग्रह किया है। उन्होंने लिखा है कि आपदा के तहत नुक्सान की भरपाई के तहत सरकार ने 53 करोड़ जारी किए हैं। मंडी के सराज में तत्काल मुरम्मत कार्यों के लिए मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप 2 करोड़ रुपए भेज दिए हैं। पाइपों की खरीद के लिए 60 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं।

बता दें कि राज्य इन दिनों मानसून की बारिश के कारण प्राकृतिक आपदा के कठिन दौर से गुजर रहा है। मानसून सीजन में भारी बारिश के कारण प्रदेश में सरकारी और निजी संपत्ति को 1387.53 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। इसमें अकेले जल शक्ति विभाग को 493.58 करोड़ रुपए की क्षति पहुंची है। प्रदेश में बाढ़ और लैंडस्लाइड की वजह से सैंकड़ों पेयजल योजनाएं चपेट में आ गई हैं। अभी भी प्रदेश में 173 पेयजल योजनाएं बाधित हैं। इनमें से सबसे अधिक 65 पेयजल योजनाएं अभी जिला मंडी में बाधित हैं।

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