Solan: नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति को मिला बड़ा सम्मान, एंटोमोलॉजीकल सोसायटी ऑफ इंडिया के बने लाइफ फैलो

Edited By Vijay, Updated: 08 Jan, 2025 05:30 PM

vice chancellor of nauni university

डॉ. यशवंत सिंह उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय (यूएचएफ) नौणी के कुलपति प्रोफैसर राजेश्वर सिंह चंदेल को कीट विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए एंटोमोलॉजीकल सोसायटी ऑफ इंडिया (ईएसआई) के मानद लाइफ फैलो के रूप में सम्मानित किया गया है।

सोलन (ब्यूरो): डॉ. यशवंत सिंह उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय (यूएचएफ) नौणी के कुलपति प्रोफैसर राजेश्वर सिंह चंदेल को कीट विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए एंटोमोलॉजीकल सोसायटी ऑफ इंडिया (ईएसआई) के मानद लाइफ फैलो के रूप में सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान मंगलवार को नई दिल्ली में ईएसआई और आईएआरआई के एंटोमोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित 'फ्रंटियर्स इन एंटोमोलॉजी-2025' और ईएसआई स्थापना दिवस पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान दिया गया। वर्ष 1938 में स्थापित एंटोमोलॉजीकल सोसायटी ऑफ इंडिया देश के बड़े पेशेवर संगठनों में से एक है, जो संबंधित विषयों में कीट वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को समर्थन देने के लिए समर्पित है। सोसायटी अपनी स्थापना के बाद से ही विभिन्न पुस्तकों और तकनीकी बुलेटिनों के साथ इंडियन जर्नल ऑफ एंटोमोलॉजी का प्रकाशन कर रही है।

प्रोफैसर चंदेल को इंसेक्ट-पेस्ट प्रबंधन, मधुमक्खी पारिस्थितिकी, कीटनाशक विष विज्ञान और टिकाऊ फसल उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से प्राकृतिक खेती प्रथाओं में उनके काम के लिए व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है। विशेष रूप से उन्होंने राज्य सरकार की प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना (पीके3वाई) को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। योजना के पहले कार्यकारी निदेशक के रूप में उन्होंने 1.70 लाख से अधिक किसानों (विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों से) को प्राकृतिक खेती के दायरे में लाने में मदद की। मई 2022 से प्रो चंदेल नौणी विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्य कर रहे हैं।

प्रोफैसर चंदेल 20 से अधिक राष्ट्रीय और राज्य-वित्त पोषित अनुसंधान परियोजनाओं का भाग रहे हैं और प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में 200 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित कर चुके हैं। वह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से प्राकृतिक कृषि पद्धतियों पर वैज्ञानिक डेटा तैयार करने में कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने किसानों, विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कई राष्ट्रीय पेशेवर और सरकारी निकायों के एक प्रमुख सदस्य प्रोफैसर चंदेल ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय सलाहकार समिति, आईसीएआर सोसायटी की सामान्य निकाय और शासी निकाय और प्राकृतिक खेती पर आईसीएआर समिति में काम किया है। वह देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए क्यूआरटी और खोज-सह-चयन समिति जैसी विभिन्न समितियों की अध्यक्षता और सदस्य भी रहे हैं। यह सम्मान प्राप्त करने पर प्रोफैसर चंदेल ने ईएसआई के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि यह सम्मान राज्य और देशभर में किसानों के कल्याण के लिए काम करना जारी रखने के उनके संकल्प को मजबूत करता है।
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