Edited By kirti, Updated: 24 Jan, 2020 01:30 PM
मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनो में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौंसलों से ही उड़ान होती है। इन्ही पंक्तियों को अपने हौंसलों से सच कर दिखाया है ऊना के 12 वर्षीय गुरदेव ठाकुर ने। गुरदेव ठाकुर ऊना के डीएवी सेंटेनरी स्कूल में आठवीं कक्षा...
ऊना (अमित): मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनो में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौंसलों से ही उड़ान होती है। इन्ही पंक्तियों को अपने हौंसलों से सच कर दिखाया है ऊना के 12 वर्षीय गुरदेव ठाकुर ने। गुरदेव ठाकुर ऊना के डीएवी सेंटेनरी स्कूल में आठवीं कक्षा का छात्र है। गुरदेव ने साइकिलिंग में बिना रूके 45 किलोमीटर सफर तय कर इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है। गुरदेव सिंह की इस उपलब्धि से देश का नाम अंतराष्ट्रीय स्तर पर चमका है। इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में गुरदेव सिंह का नाम बिना रूके 45 किलोमीटर तक का सफर तय करने के चलते दर्ज हुआ है। गुरदेव सिंह ठाकुर ने महज 12 साल की उम्र में ही ऊना से बड़सर तक पहाड़ी क्षेत्र में 45 किलोमीटर सफर 2 घंटे 43 मिनट में तय किया है।
गुरदेव की माने तो इस मुकाम एक पहुंचने के लिए उसने रोजाना चार से पांच घंटे की कड़ी मेहनत की है। गुरदेव ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र में साइकिलिंग करना बहुत ही मुश्किल काम है। गुरदेव ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय स्कूल प्रबंधन और अपने पिता व कोच राजकुमार को दिया है। स्कूल प्रशासन ने भी गुरदेव ठाकुर की इस उपलब्धि पर उसे बधाई दी है। वहीं स्कूल ने गुरदेव को आगामी लक्ष्य के लिए हर सुविधा मुहैया करवाने का आश्वासन दिया है। वहीँ गुरदेव के पिता व कोच राज कुमार की माने तो गुरदेव को रोजाना चार से पांच घंटे तक प्रशिक्षण करवाया जाता है। राज कुमार की माने तो सड़क पर बच्चे को साइकिलिंग करवाना बहुत मुश्किल है। वहीँ गुरदेव के पिता और कोच को इस बात का भी मलाल है कि बेटे की इतनी बड़ी उपलब्धि के बाबजूद भी प्रशासन और सरकार द्वारा कोई मदद नहीं की गई है लेकिन स्कूल प्रशासन द्वारा किये जा रहे प्रयासों से गुरदेव के पिता संतुष्ट है।