दिल्ली में गुरमीत बेदी लाइफ टाइम अचीवमैंट अवार्ड से सम्मानित

Edited By Kuldeep, Updated: 24 Jun, 2019 09:12 PM

una delhi gurmeet bedi award

जाने-माने व्यंग्यकार, कवि व कथाकार गुरमीत बेदी को आज दिल्ली के ङ्क्षहदी भवन में माध्यम साहित्यिक संस्थान व युवा उत्कर्ष साहित्य मंच दिल्ली एन.सी.आर. के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित साहित्यिक समारोह में सृजन के क्षेत्र में आजीवन साहित्यिक उपलब्धियों...

ऊना, (सुरेन्द्र): जाने-माने व्यंग्यकार, कवि व कथाकार गुरमीत बेदी को आज दिल्ली के ङ्क्षहदी भवन में माध्यम साहित्यिक संस्थान व युवा उत्कर्ष साहित्य मंच दिल्ली एन.सी.आर. के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित साहित्यिक समारोह में सृजन के क्षेत्र में आजीवन साहित्यिक उपलब्धियों के लिए लाइफ टाइम अचीवमैंट सम्मान से अलंकृत किया गया। उन्हें यह सम्मान देश के प्रख्यात कथाकार बलराम, व्यंग्यकार व आलोचक सुभाष चंद्र व डा. रमेश तिवारी, माध्यम साहित्यिक संस्थान लखनऊ के महासचिव व जाने-माने साहित्यकार अनूप श्रीवास्तव, राम किशोर उपाध्याय और देवी प्रसाद मिश्र ने प्रदान किया। गुरमीत बेदी ने इस अवसर पर व्यंग्य की महापंचायत व कवि कथा संगोष्ठी के दूसरे सत्र में बतौर मुख्यातिथि भी शिरकत की।

एक दर्जन से अधिक पुस्तकें और 3 उपन्यास प्रकाशित हो चुके

हिमाचल प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के चंडीगढ़ स्थित प्रैस संपर्क कार्यालय में उपनिदेशक के पद पर कार्यरत गुरमीत बेदी की साहित्य की विभिन्न विधाओं में एक दर्जन से अधिक पुस्तकें और 3 उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। गुरमीत बेदी को हिमाचल साहित्य अकादमी पुरस्कार सहित देश-विदेश के अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं। कनाडा की विरसा संस्था भी उन्हें सम्मानित कर चुकी है।

जर्मनी में वल्र्ड पोइट्री फैस्टीवल में भी भाग ले चुके

गुरमीत बेदी मॉरीशस व जर्मनी के बॢलन में आयोजित वल्र्ड पोइट्री फैस्टीवल में भी भाग लेकर हिमाचल प्रदेश को गौरवान्वित कर चुके हैं। उन्होंने कई देशों की सांस्कृतिक यात्राएं भी की हैं। उनके कविता संग्रह मेरी ही कोई आकृति का जर्मन कवयित्री रोजविटा ने जर्मनी में भी अनुवाद किया है। इस किताब की भूमिका देश के जाने-माने कवि पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने लिखी है। बेदी के कहानी संग्रह सूखे पत्तों का राग की साहित्यिक क्षेत्रों में काफी चर्चा हुई है। इस कहानी संग्रह की भूमिका इस वर्ष के साहित्य अवार्ड से अलंकृत देश की जानी-मानी कथाकार चित्रा मुदगल ने लिखी है।

उपन्यास पर एक टैली फिल्म भी बन रही है

बेदी के उपन्यास खिला रहेगा इंद्रधनुष पर एक टैली फिल्म भी बन रही है और एस्ट्रोलॉजी साइंस पर उनकी एक शोध पुस्तक शीघ्र आ रही है। गुरमीत बेदी की व्यंग्य विधा में 3 पुस्तकें - इसलिए हम हंसते हैं,  नाक का सवाल व खबरदार जो व्यंग्य लिखा शीर्षक से प्रकाशित हो चुकी हैं। देश के प्रमुख समाचार पत्रों में उनके व्यंग्य के कॉलम बड़े चाव से पढ़े जाते हैं। उन्हें व्यंग्य लेखन के लिए प्रतिष्ठित व्यंग्य यात्रा सम्मान भी मिल चुका है।

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