Edited By Vijay, Updated: 25 Jul, 2025 03:37 PM

हिमाचल प्रदेश की होनहार बेटी आषिता आचार्य ने राष्ट्रपति गाइड पुरस्कार जीतकर प्रदेश का मान देशभर में बढ़ा दिया है। नगरोटा बगवां की रहने वाली आषिता देशभर के चयनित 30 गाइड स्टूडैंट्स में स्थान बनाकर यह पुरस्कार जीतने वाली हिमाचल की एकमात्र छात्रा बनी...
पालमपुर/धर्मशाला (भृगु/प्रियंका): हिमाचल प्रदेश की होनहार बेटी आषिता आचार्य ने राष्ट्रपति गाइड पुरस्कार जीतकर प्रदेश का मान देशभर में बढ़ा दिया है। नगरोटा बगवां की रहने वाली आषिता देशभर के चयनित 30 गाइड स्टूडैंट्स में स्थान बनाकर यह पुरस्कार जीतने वाली हिमाचल की एकमात्र छात्रा बनी हैं। आषिता काे यह सम्मान राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में दिया गया। शुक्रवार को उपनिदेशक, उच्च शिक्षा विकास महाजन द्वारा उन्हें इस उपलब्धि के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आषिता के माता-पिता भी उपस्थित रहे, जो बेटी की इस ऐतिहासिक सफलता से गौरवान्वित नजर आए।

जो सपना देखा था, वह पूरा हुआ : आषिता आचार्य
राष्ट्रपति गाइड पुरस्कार प्राप्त करने के बाद अपनी भावनाएं सांझा करते हुए आषिता ने कहा कि मैंने जो सपना देखा था, वह आज पूरा हुआ है। उन्होंने बताया कि स्काऊटिंग से उनका जुड़ाव वर्ष 2013 से हुआ। वर्ष 2016 में उन्होंने स्टेट लेवल पर गवर्नर अवॉर्ड प्राप्त किया और इसके बाद लगातार कठिन परिश्रम से राष्ट्रपति गाइड पुरस्कार तक का सफर तय किया। वर्तमान में आषिता एक एनजीओ में इंटर्नशिप कर रही हैं और आगे चलकर पीएचडी करने तथा समाज सेवा में योगदान देने की इच्छुक हैं।
देशभर से सिर्फ 120 बच्चों को मिलता है यह सम्मान
जिला कांगड़ा के उपनिदेशक उच्च शिक्षा विकास महाजन ने बताया कि आषिता की यह उपलब्धि पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि देशभर से करीब 2000 बच्चे राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए आवेदन करते हैं, जिनमें से मात्र 120 बच्चों का चयन चार श्रेणियों स्काउट, गाइड, रेंजर और रोवर में किया जाता है। आषिता आचार्य गाइड श्रेणी में देशभर में चुने गए 30 बच्चों में शामिल हुई हैं और हिमाचल प्रदेश से इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली इकलौती छात्रा बनी हैं। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल आषिता के लिए बल्कि पूरे जिला और प्रदेश के लिए प्रेरणास्रोत है।
स्काऊटिंग से सीखकर बनाई नई पहचान
आषिता की इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि स्काऊटिंग जैसी गतिविधियों में भागीदारी बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह पुरस्कार न केवल उनके व्यक्तिगत परिश्रम का परिणाम है, बल्कि यह हिमाचल प्रदेश की बेटियों के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण बनकर सामने आया है।