गोबिंद सागर झील की सुंदरता को ग्रहण लगा रहे पर्यटक, पढ़ें पूरा मामला

Edited By Ekta, Updated: 27 Aug, 2019 05:15 PM

tourists are embracing the beauty of gobind sagar lake

गोबिंद सागर झील में लगातार बढ़ रहे पानी से मंडरा रहे खतरे के बादल अब छंटने लगे हैं। झील के किनारों से पानी धीरे-धीरे निचले स्तर पर जाने लगा है। इसके निशान भी साफ देखे जाने लगे हैं। स्थानीय लोग भी मानते हैं कि पानी बढ़ने से धीरे-धीरे खतरा भी उन लोगों...

ऊना (सुरेन्द्र): गोबिंदसागर झील में लगातार बढ़ रहे पानी से मंडरा रहे खतरे के बादल अब छंटने लगे हैं। झील के किनारों से पानी धीरे-धीरे निचले स्तर पर जाने लगा है। इसके निशान भी साफ देखे जाने लगे हैं। स्थानीय लोग भी मानते हैं कि पानी बढ़ने से धीरे-धीरे खतरा भी उन लोगों के लिए बढ़ रहा था जो झील के बिल्कुल छोर पर बसे हुए हैं। पानी की लगातार आमद बढ़ रही थी और इससे वह किनारे भी डूबने लगे जो पूरी तरह से सूखे हुआ करते थे।
PunjabKesari

पानी के बढ़ने से अब मवेशियों की चरागाहें भी कम हुई हैं। एक छोर से दूसरे छोर में पहुंचने के लिए भी अब किश्तियों का सहारा स्थानीय लोगों को लेना पड़ रहा है। इसके बढ़ने के साथ ही झील के कई किनारों पर मक्की की फसल भी सूख गई है। पानी इतना आया कि खेत लबालब हो गए। हालांकि अब पानी का स्तर कुछ कम भी होने लगा है। इसका कारण भाखड़ा बांध के फ्लड गेट खोलना माना जा रहा है। 
PunjabKesari

कुटलैहड़ क्षेत्र का एक बहुत बड़ा हिस्सा गोबिंद सागर झील के अधीन है। हालांकि इसके कई छोर सूखे रहते हैं जिसमें या तो मवेशी चरने के लिए छोड़े जाते हैं और सर्दियों में इन्हें गेहूं की बिजाई के लिए प्रयोग में लाया जाता है। जहां सरपट गाड़ियां दौड़ती थी वह क्षेत्र अब पानी से लबालब भरे हुए हैं। बीहडू से लठियाणी के घाट की दूरी काफी बढ़ चुकी है। मोटरवोट के जरिए अब काफी टाइम इधर से उधर जाने में लग रहा है। गर्मियों में जब पानी कम हो जाता है तो मोटरवोट तक पहुंचने के लिए गाड़ियों का प्रयोग करना पड़ता था। अब मुख्य थानाकलां-भाखड़ा सड़क से कुछ दूरी पर ही मोटरवोट उपलब्ध है क्योंकि पानी का स्तर काफी ऊपर पहुंच चुका है।
PunjabKesari

पर्यटक तो पहुंच रहे लेकिन समस्याएं भी साथ ला रहे हैं। शराब की बोतलें, प्लास्टिक युक्त सामग्री सहित कूड़ा कचरा खुले में फैंका जा रहा है। इससे गोबिंद सागर झील के तट गंदगी से भरने लगे हैं। स्थानीय लोग भी मानते हैं कि पर्यटक तो आते हैं लेकिन वह सुविधा की जगह असुविधा पैदा करते हैं। कचरा फैंककर वातावरण को दूषित कर रहे हैं जो कि स्थानीय गांववासियों के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है। स्थानीय थानाकलां के युवक अजय कुमार का कहना है कि पर्यटकों से यहां लाभ तो नहीं बल्कि उलटा पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। गंदगी फैलाई जा रही है। जगह-जगह शराब की बोतलें और प्लास्टिक युक्त कचरा सामग्री फैंकी जा रही है।
PunjabKesari

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!