Edited By prashant sharma, Updated: 23 Mar, 2021 03:08 PM
हिमाचल प्रदेश में 20 एवं 21 मार्च आयोजित हुआ धौलाधार महोत्सव पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने का एक सशक्त माध्यम बन गया। प्रदेश में कला, साहित्य, खाद्य एवं साहसिक पर्यटन महोत्सव तो होता ही है धौलाधार महोत्सव के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहतरीन...
शिमला : हिमाचल प्रदेश में 20 एवं 21 मार्च आयोजित हुआ धौलाधार महोत्सव पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने का एक सशक्त माध्यम बन गया। प्रदेश में कला, साहित्य, खाद्य एवं साहसिक पर्यटन महोत्सव तो होता ही है धौलाधार महोत्सव के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहतरीन संदेश दिया गया। दो दिन के धौलाधार महोत्सव मे जीवन के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला गया। धौलाधार महोत्सव में देश की नामचीन हस्तियों ने भी हिस्सा लिया। इस महोत्सव की खास बात ये रही कि इसमें शामिल हुए लोगों को किचन गार्डनिंग का पैकेट, कम्पोस्ट खाद व इंडोर प्लांटिंग से जुड़े पौधे और बड़े पौधे जूट के बैग में रखकर बतौर गिफ्ट दिए गए। साथ ही हरियाली बढ़ाने से जुड़े इन समानों को कैसे प्रयोग में लाएं, इसके बारे में भी जानकारी दी गई।
धौलाधार महोत्सव में उपस्थित हुए नागरिकों ने पहाड़ पर ट्रैकिंग का मजा लिया और साथ ही साथ पौधारोपण का कार्य किया। हरियाली क्रांति टीम के द्वारा आयोजित इस पौधारोपण कार्यक्रम में हर्षवर्धन सिंह, कुमार आनंद समेत पालमपुर जिले के आसपास के बहुत से नागरिक भी शामिल हुए। इसके अलावा इन आसपास के नागरिकों ने यहां लगे पौधों के देखभाल की जिम्मेदारी ली। हरियाली क्रांति देश में पर्यावरण संवर्धन के लिए मशहूर पर्यावरणकर्मी पीपल बाबा के नेतृत्व में चलाई जा रही एक अनोखी मुहिम है। इस मुहिम में गिव मी ट्री ट्रस्ट से जुड़े लोग इस मौकों पर पौधा-वितरण करते हैं साथ ही लोगों से पर्यावरण संवर्धन अभियान से जुड़ने के बारे में कहते हैं। इस अभियान की डिजाइन देश के मशहूर कैम्पेन डिजाइनर बद्री नाथ ने की है। उनका मानना है कि यह दुनिया का पहला नागरिक टू नागरिक अभियान है जिसमें हर एक नागरिक अपनी भागीदारी निभा सकता है क्योंकि हर नागरिक का साल में एक बार जन्मदिन आता है और वह कम से कम एक हरियाली दिवस मनाकर पर्यावरण सम्वर्धन में अपना योगदान दे सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अपने जन्मदिन या किसी भी शुभ दिन को हरियाली दिवस के रूप में मनाएं और इस दिन पौधारोपण करके पर्यावरण सम्वर्धन में अपना योगदान देकर धरती को बचाने में सहायता करें।