Edited By Vijay, Updated: 14 Jun, 2024 06:37 PM
प्रदेश में सामान्य जल में 16 जून से 15 अगस्त तक मछली पकड़ने पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा। प्रदेश मात्स्यिकी निदेशक एवं प्रारक्षी विवेक चंदेल ने बताया कि मत्स्य पालन विभाग का दायित्व है कि....
बिलासपुर (विशाल): प्रदेश में सामान्य जल में 16 जून से 15 अगस्त तक मछली पकड़ने पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा। प्रदेश मात्स्यिकी निदेशक एवं प्रारक्षी विवेक चंदेल ने बताया कि मत्स्य पालन विभाग का दायित्व है कि प्रदेश के पंजीकृत सभी मछुआरा परिवारों को निरंतर रूप से आजीविका हेतु मछली मिलती रहे तथा लोगों को प्रोटीन युक्त प्राणी आहार प्रदान किया जा सके। इसी उद्देश्य के दृष्टिगत प्रत्येक वर्ष मत्स्य पालन विभाग सामान्य जल व जलाशयों में 2 माह के लिए मछली पकड़ने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाता है, ताकि प्राकृतिक रूप से प्रजनन करने वाली मछलियों की विभिन्न प्रजातियां सफलतापूर्वक प्रजनन कर सकें व प्राकृतिक रूप से विभिन्न जल क्षेत्रों में मछलियों की उपयुक्त संख्या बनी रहे।
निरीक्षण टीमों का गठन, उड़नदस्ते रखेंगे मत्स्य आखेट पर नजर
इस बंद अवधि के दौरान सामान्य जल स्रोतों में किसी भी प्रकार के मत्स्य आखेट एवं पूर्ण राज्य में सामान्य जल की मत्स्य प्रजातियों की मत्स्य बिक्री एवं आयात पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। विभाग के द्वारा इस बंद सीजन को प्रभावी बनाने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं जिसके अंतर्गत विभाग ने प्रदेश के मुख्य जलाशयों के विभिन्न मंडलों में अवैध शिकार को रोकने हेतु विभिन्न निरीक्षण टीमों का गठन किया है तथा उड़नदस्ते सड़क मार्ग से निरंतर गश्त करेंगे ताकि किसी भी प्रकार के अवैध मत्स्य आखेट पर रोक लगाई जा सके।
कैद व जुर्माना दोनों सजाओं का है प्रावधान
इस अवधि के दौरान यदि कोई मछली पकड़ता पाया जाता है तो नियमों के अनुसार 6 माह तक की कैद तथा 300 रुपए से 1000 रुपए तक जुर्माना अथवा दोनों ही सजाएं हो सकती हैं। किसी भी नागरिक के द्वारा नियमों की अवहेलना करने पर हिमाचल प्रदेश मात्स्यिकी अधिनियम-1976 व हिमाचल प्रदेश मात्स्यिकी नियम-2020 के अनुरूप सख्त कार्यवाही की जाएगी।
वर्तमान में 11 हजार के करीब मछुआरे
वर्तमान में प्रदेश के 5 जलाशयों गोबिंद सागर, पौंग डैम, चमेरा, कोलडैम व रणजीत सागर में 5000 से अधिक मछुआरे नियमित रूप से मछली पकड़ने का कार्य कर रहे हैं तथा इन जलाशयों का कुल क्षेत्रफल 43785 हैक्टेयर है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में विभिन्न मुख्य नदियों व उनकी सहायक नदियों में 6000 से अधिक मछुआरे मछली पकड़ने का कार्य करते हैं।
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