Edited By Vijay, Updated: 28 Sep, 2024 04:18 PM
प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की सालाना लगने वाली इंक्रीमैंट को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड व नॉन बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट ही अब शिक्षकों की इंक्रीमैंट तय करेंगे।
शिमला (प्रीति): प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की सालाना लगने वाली इंक्रीमैंट को लेकर बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड व नॉन बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट ही अब शिक्षकों की इंक्रीमैंट तय करेंगे। अच्छे रिजल्ट देने वाले शिक्षकों को ही इंक्रीमैंट लगेगी। जीरो और 25 से 30 फीसदी से कम रिजल्ट देने वाले शिक्षकों को इंक्रीमैंट नहीं लगेगी। यदि शिक्षकों के रिजल्ट लगातार खराब आए तो उन्हें इससे हाथ धोना पड़ सकता है। बेहतर रिजल्ट आने पर ही शिक्षकों की इंक्रीमैंट लगेगी।
शिक्षा विभाग ने इसको लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे सरकार को भी मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। मंजूरी मिलते ही इस मामले में विभाग और सख्ती करेगा। गौरतलब है कि इस बार विभाग ने बोर्ड के खराब रिजल्ट पर 20 से 25 शिक्षकों की इंक्रीमैंट रोकी है।
सूत्रों की मानें तो विभाग ने 100 फीसदी से लेकर 50 फीसदी तक रिजल्ट देने पर शिक्षक को कितनी इंक्रीमैंट लगानी है, इसे श्रेणीबद्ध किया है। जिन शिक्षकों के स्कूलों का रिजल्ट सौ फीसदी रहा है, उन्हें पूरी इंक्रीमैंट दी जाएगी, वहीं जिनका रिजल्ट 90 से 80, 80 से 70, 70 से 60, 60 से 50 फीसदी होगा, उन्हें रिजल्ट के आधार पर इंक्रीमैंट दी जाएगी।
हर परीक्षा के बाद होगा आकलन
शिक्षा विभाग अब शिक्षकों की परफॉर्मैंस का आकलन हर परीक्षा के बाद करेगा। पहली से आठवीं कक्षा की एसए और एफए की असैसमैंट के बाद शिक्षकों के कक्षावार रिजल्ट देखे जाएंगे, जिसकी बाद इसकी रिपोर्ट बनेगी। ऐसे ही 9वीं और 12वीं कक्षा तक के शिक्षकों का भी बोर्ड और नॉन-बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट का आकलन किया जाएगा।
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