Edited By Vijay, Updated: 07 Sep, 2024 07:20 PM
जम्मू के डोडा भद्रवाह क्षेत्र के शिव भक्तों की छड़ी भरमौर से मणिमहेश के लिए रवाना हो गई है। इस छड़ी के साथ लगभग 1000 शिव भक्त शामिल हैं।
भरमौर (उत्तम): जम्मू के डोडा भद्रवाह क्षेत्र के शिव भक्तों की छड़ी भरमौर से मणिमहेश के लिए रवाना हो गई है। इस छड़ी के साथ लगभग 1000 शिव भक्त शामिल हैं। इस छड़ी की अगुवाई महंत पन्ना लाल पिछले 37 वर्षों से लगातार करते आ रहे हैं। यह छड़ी वीरवार को भरमौर पहुंची थी, जहां पर 2 दिन रुकने के बाद माता भरमाणी में लंगर लगाने के बाद शनिवार को यह छड़ी हड़सर के लिए रवाना हो गई है। शनिवार को हड़सर में रुकने के बाद रविवार को यह छड़ी धनछो के लिए रवाना हो जाएगी। यह छड़ी 3 सितम्बर को जम्मू के डोडा से चली थी और राधा अष्टमी के दिन स्नान करने के बाद वापस रवाना होगी।
गौरतलब है कि हर वर्ष मणिमहेश यात्रा के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर से यहां पर पहुंचते हैं। महंत पन्ना लाल ने कहा है कि वह माता पार्वती को अपना मानते हैं। उन्होंने कहा है कि माता पार्वती का मायका जम्मू-कश्मीर में है। बुजुर्गों की कथा अनुसार वह यहां पर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को मायके आने का निमंत्रण देने के लिए यहां पर आते हैं। पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर के शिव भक्तों की यह यात्रा प्रमुख आस्था का केंद्र है। उनकी यात्रा का उचित प्रबंध दोनों सरकारों द्वारा किया जाता है।
भरमौर से मणिमहेश निकलने से पहले जम्मू-कश्मीर से आए सबसे बड़ी छड़ी के प्रमुख महंत पन्ना लाल और उनके साथियों ने भरमौर प्रशासन का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने भरमौर प्रशासन द्वारा करवाए गए प्रबंधन पर भी खुशी जाहिर की है और सरकार और प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में मणिमहेश में जो श्रद्धालुओं को लूटने की कोशिश जारी है, उसको तुरंत बंद किया जाए।
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