मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं, कही ये बड़ी बातें

Edited By Jyoti M, Updated: 15 Aug, 2025 11:47 AM

the chief minister wished the people of the state on independence day

79वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। अपने संबोधन में उन्होंने देश की आजादी, एकता और अखंडता के लिए हमारे वीर सपूतों द्वारा किए गए बलिदानों को याद...

हिमाचल डेस्क। 79वें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। अपने संबोधन में उन्होंने देश की आजादी, एकता और अखंडता के लिए हमारे वीर सपूतों द्वारा किए गए बलिदानों को याद किया। मुख्यमंत्री ने गर्व के साथ बताया कि देश की रक्षा में हिमाचल के जवानों ने हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है, जिसका प्रमाण है प्रदेश के वीर सपूतों द्वारा जीते गए 4 परमवीर चक्र, 2 अशोक चक्र, 11 महावीर चक्र और 23 कीर्ति चक्र। उन्होंने विशेष रूप से देश के पहले परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा, कर्नल डीएस थापा, कैप्टन विक्रम बतरा और सूबेदार मेजर संजय कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्राकृतिक आपदा से लड़ाई और राहत कार्य

मुख्यमंत्री ने 2023 और इस साल आई विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भारी बारिश और बादल फटने के कारण मंडी जिले में सबसे ज्यादा तबाही हुई, जिसमें 200 से अधिक लोगों की जान चली गई और हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। राज्य सरकार ने इस संकट से उबरने के लिए एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है, जिसे 25 गुना तक बढ़ाया गया है। इस पैकेज के तहत, पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकान के लिए दी जाने वाली सहायता राशि 1.30 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए भी 12,500 रुपये की राशि को बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया गया है। इसके अलावा, क्षतिग्रस्त दुकानों, गौशालाओं, पशुओं की हानि, पॉलीहाउस और कृषि भूमि के लिए भी मुआवजे में बढ़ोतरी की गई है।

किसानों के लिए ऐतिहासिक फैसले

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने प्राकृतिक रूप से उगाई गई फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा की है। मक्की के लिए 40 रुपये प्रति किलो और गेहूं के लिए 60 रुपये प्रति किलो का समर्थन मूल्य दिया जा रहा है। अब तक 1,509 किसानों से लगभग 399 मीट्रिक टन मक्की और 838 किसानों से 2,123 क्विंटल गेहूं खरीदा जा चुका है, और किसानों के खातों में करोड़ों रुपये जमा किए गए हैं। कच्ची हल्दी के लिए भी 90 रुपये प्रति किलो का समर्थन मूल्य घोषित किया गया है, जिससे किसानों को 1.14 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है।

कृषि और पशुपालन में नई पहल

राज्य सरकार ने हमीरपुर में एक स्पाइस पार्क और ऊना में आलू प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, किसानों के लिए कृषि ऋण ब्याज योजना भी शुरू की गई है। दूध उत्पादन के क्षेत्र में भी हिमाचल ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रदेश देश का पहला राज्य है, जो दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दे रहा है। वर्तमान में गाय का दूध 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 61 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है, जिससे हजारों पशुपालकों को लाभ मिल रहा है। इसके अलावा, सरकार ने जैविक खाद और वर्मी कम्पोस्ट खरीदने का भी वादा पूरा किया है।

शिक्षा और वन संरक्षण में प्रगति

मुख्यमंत्री ने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रदेश ने शानदार प्रगति की है। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण-2025 में हिमाचल 21वें स्थान से 5वें स्थान पर पहुंच गया है, और वार्षिक शिक्षा स्थिति-2025 की रिपोर्ट में पढ़ने और सीखने के स्तर में प्रदेश ने 21वें स्थान से सीधे पहले स्थान पर छलांग लगाई है। वन प्रबंधन और संरक्षण के लिए 100 करोड़ रुपये की 'राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना' भी लागू की जा रही है, जिससे वन क्षेत्र के विस्तार में सामुदायिक भागीदारी बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रदेशवासियों के समर्थन और विश्वास के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सहयोग से धनबल पर जनबल की जीत सुनिश्चित हुई है, जिससे लोकतंत्र और भी सशक्त हुआ है।

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