Himachal: सुखदेव ने मुख्यमंत्री से लगाई इच्छा मृत्यु की गुहार, कहा-'नर्क बनकर रह गया मेरा जीवन'

Edited By Vijay, Updated: 02 May, 2025 05:51 PM

sukhdev appealed to the chief minister for euthanasia

झंडूता विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले गांव कलोल निवासी 62 वर्षीय सुखदेव पुत्र भागु राम ने प्रदेश मुख्यमंत्री से अपनी इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है।

घुमारवीं (कुलवंत): झंडूता विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले गांव कलोल निवासी 62 वर्षीय सुखदेव पुत्र भागु राम ने प्रदेश मुख्यमंत्री से अपनी इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि उनका जीवन नर्क बनकर रह गया है। शरीर जवाब दे चुका है। सरकारी योजनाएं आज तक उन तक नहीं पहुंच पाईं। लोगों व जन प्रतिनिधियों के पास भी अपनी सहायता के लिए गिड़गिड़ाया, लेकिन किसी ने मदद ही नहीं की, जिसके चलते अब किसी से कोई भी उम्मीद नहीं है और न ही जीने की कोई इच्छा बाकी है। 

4 साल पहले जुखाला में पलटी जीप ने पलट दिया जीवन
घुमारवीं में लोगों से 2 या 5 रुपए मांगने पहुंचे सुखदेव ने बताया कि करीब 32 साल पहले उसकी पत्नी की मृत्यु हो गई थी। उसकी दो बेटियां व एक बेटा है। वह स्वयं शादियों में बाजा बजाकर परिवार का निर्वहन कर रहा था, लेकिन 4 साल पहले जुखाला में पलटी जीप ने उसके जीवन को ही पलट दिया। दुर्घटना में उसकी दोनों टांगें बेकार हो गईं। सुखदेव ने बताया कि डॉक्टर ने उसका इलाज किया, लेकिन अब हालात ये हैं कि वह बैठ ही नहीं सकता तथा आसानी से लेट भी नहीं सकता। 

बेटा मजदूरी कर पाल रहा परिवार
गरीबी परिवार पर इस कदर हावी है कि उसका बेटा है मजदूरी कर अपने परिवार काे ही मुश्किल से पाल रहा है, ऐसे में बेटे के ऊपर आश्रित होना भी बहुत मुश्किल है। वह स्वयं खाना खाने से भी लाचार है क्योंकि शरीर काम ही नहीं करता है। सुखदेव ने बताया कि घुमारवीं से नेहा समाज सेवा संस्था के प्रबंधक पवन बरूर उनकी गरीबी पर दया कर उन्हें 1000 रुपए मासिक देते थे, लेकिन वह भी अब कुछ समय से बंद पड़ा है। सुखदेव ने बताया कि एक बार उनके गांव में मेडिकल कैंप लगा था जहां दिव्यांग पास बनाए जाने थे, लेकिन उसकी फरियाद को डॉक्टर ने भी नहीं सुना तथा वह आज तक इस सुविधा से भी वंचित है।

क्या कहते हैं पंचायत प्रधान
ग्राम पंचायत कलोल के प्रधान राजकुमार ने बताया कि सुखदेव को आज तक कोई भी सरकारी सुविधा नहीं मिल पाई है, जबकि वह इन कल्याणकारी योजनाओं का सही रूप से पात्र भी है। गांव में ही कुछ समय पहले एक चिकित्सा शिविर लगाया गया था, जिसमें दिव्यांग लोगों के प्रमाण पत्र बने थे, लेकिन सुखदेव का दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं बन सका। सुखदेव को कोई पैंशन आदि भी नहीं लगी है, जिससे उसका गुजर-बसर हो सके। हालांकि अब उन्होंने आईआरडीपी परिवार में डालने के लिए आवेदन किया है।

क्या कहते हैं पंचायत सचिव
ग्राम पंचायत कलोल के सचिव प्रेमलाल ने बताया कि सुखदेव वास्तव में गरीब परिवार से संबंध रखता है। उन्हें कोई भी सामाजिक सुरक्षा पैंशन नहीं मिल रही है और न ही कोई अन्य सुविधा मिल पाई है लेकिन अब उसका नाम आईआरडीपी चयन के लिए उनके पास पहुंचा है तथा शीघ्र ही इस बारे में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

क्या कहते हैं नेहा मानव सेवा संस्था के प्रबंधक 
नेहा मानव सेवा संस्था के प्रबंधक पवन बरूर ने बताया कि उन्हें मार्च महीने तक नेहा मानव समिति द्वारा 1000 रुपए की प्रतिमाह राशि दी गई है, लेकिन अभी यह संस्था गरीब पात्र परिवारों के दस्तावेजों की जांच कर रही है, ताकि पात्र लोगों को सही दस्तावेज जांच कर उन्हें पुनः राहत दी जाए।
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