Edited By Vijay, Updated: 30 Jul, 2021 07:53 PM

आईजीएमसी में एक बच्चे के दिल के छेद का बिना चीर-फाड़ के सफल ऑप्रेशन किया है। हृदय रोग विभाग के डॉक्टरों ने मिसाल पेश की है। ऐसा ऑप्रेशन हिमाचल में पहली बार हुआ है। डॉ. दिनेश बिष्ट और डॉ. राजेश शर्मा ने बच्चे को नई जिंदगी प्रदान की है।
शिमला (जस्टा): आईजीएमसी में एक बच्चे के दिल के छेद का बिना चीर-फाड़ के सफल ऑप्रेशन किया है। हृदय रोग विभाग के डॉक्टरों ने मिसाल पेश की है। ऐसा ऑप्रेशन हिमाचल में पहली बार हुआ है। डॉ. दिनेश बिष्ट और डॉ. राजेश शर्मा ने बच्चे को नई जिंदगी प्रदान की है। बच्चा पिछले 12 वर्षों से ऑप्रेशन के लिए अस्पताल के चक्कर काट रहा था। यह सब तभी संभव हो पाया जब डॉ. दिनेश बिष्ट डैपुटेशन पर 6 माह की सेवा आईजीएमसी में दे रहे हैं। डॉ. दिनेश बिष्ट सहायक प्रोफैसर के पद पर नाहन मेडिकल कॉलेज में कार्यरत हैं।
डॉ. दिनेश बिष्ट हिमाचल के पहले व इकलौते पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट हैं। इनकी सेवाओं से आईजीएमसी व कमला नेहरू अस्पताल के नवजात शिशु की देखभाल में काफी फायदा हो रहा है। ये 2 बजे के बाद हर रोज कमला नेहरू अस्पताल में नवजात बच्चों के हृदय की जांच करते हैं। इससे बच्चों में हृदय रोग की रोकथाम में काफी सहायता हो रही है।
आईजीएमसी में डीएम प्रशिक्षु डॉ. मीना राणा का कहना है कि जब से डॉ. दिनेश बिष्ट यहां पर डैपुटेशन पर सेवाएं दे रहे हैं, इनकी सेवाओं से हमें काफी कुछ सीखने को मिल रहा है। इससे उन हृदय रोग ग्रसित बच्चों को फायदा होगा, जिन्हें पहले पीजीआई में अपना हृदय का ऑप्रेशन करवाना पड़ता था। आईजीएमसी में इससे पहले हृदय रोग के अलावा कई बड़े ऑप्रेशन हुए हैं। यहां पर चिकित्सकों द्वारा कई लोगों को नई जिंदगी दी गई है।