Solan: पंचायतों में अब एक लाख रुपए के काम भी ई-टैंडर से होंगे

Edited By Kuldeep, Updated: 18 Jan, 2025 10:28 PM

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हिमाचल की 3,615 ग्राम पंचायतों में अब एक लाख रुपए के कार्य भी ई-टैंडर से होंगे। अब पंचायतें अपने क्षेत्र में 99,999 रुपए के काम ही कर सकती हैं। एक लाख या इससे अधिक के काम अब ठेकेदारों द्वारा ही किए जाएंगे।

सोलन (ब्यूरो): हिमाचल की 3,615 ग्राम पंचायतों में अब एक लाख रुपए के कार्य भी ई-टैंडर से होंगे। अब पंचायतें अपने क्षेत्र में 99,999 रुपए के काम ही कर सकती हैं। एक लाख या इससे अधिक के काम अब ठेकेदारों द्वारा ही किए जाएंगे। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने ग्राम पंचायतों की ई-टैंडर की लिमिट को घटा दिया है। पहले पंचायतों में 5 लाख या फिर इसे अधिक के काम ही ई-टैंडर के माध्यम से होते थे। विभाग ने इस बारे सभी जिला विकास अधिकारी, जिला पंचायत अधिकारी एवं सभी विकास खंड अधिकारियों के साथ अधिशासी अभियंता व सहायक अभियंता को पत्र लिखकर इसे सुनिश्चित बनाने के आदेश दिए हैं।

इससे पंचायतोें में विकास कार्यों में तेजी आने की संभावना है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास थम सा गया था। स्थिति यह हो गई है कि पंचायतें 15वें वित्तायोग का पैसा खर्च करने में भी विफल साबित हो रही हैं। पंचायतों में निर्माण कार्य लंबे समय तक लटके रहते हैं। हालांकि पंचायतों में 5 लाख रुपए या इससे अधिक कार्य ई-टैंडर के माध्यम से हो रहे थे, लेकिन पंचायतें ई-टैंडर से बचने के लिए 5 लाख रुपए के बजट को 2 या 3 हिस्सों में बांट कर अपने स्तर पर काम तो शुरू कर देती थीं लेकिन इनमें से भी अधिकांश काम पूरे ही नहीं होते थे।

इस कारण पंचायतों में केंद्रीय योजनाएं भी प्रभावित हो रही हैं। यही नहीं, विकास कार्यों के समय पर शुरू न हो पाने से केंद्रीय योजनाओं के लिए आ रहा फंड भी लैप्स हो रहा है। सरकार ने इस बात पर कड़ा नोटिस लिया है।

15वें वित्तायोग में जिला सोलन का ही उदाहरण लिया जाए तो अभी तक जिले की 240 ग्राम पंचायतें 58.11 करोड़ रुपए में से 13.46 करोड़ रुपए खर्च करने में ही कामयाब हुई हैं। प्रदेश की आधे से अधिक पंचायतों का भी कुछ ऐसा ही हाल है।

पूर्व भाजपा सरकार के समय में भी डेढ़ लाख रुपए से अधिक कार्यों का ई-टैंडर लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। हालांकि उस समय पंचायत प्रतिनिधियों ने इसका विरोध किया था। इसे देखते हुए 5 लाख रुपए तक के काम के ई-टैंडर लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी।

प्रदेश में सबसे अधिक ग्राम पंचायतें जिला कांगड़ा में हैं। कांगड़ा में 814, मंडी में 559, बिलासपुर में 176, चम्बा में 309, हमीरपुर में 248, किन्नाैर में 73, कुल्लू में 235, लाहौल-स्पीति में 45, शिमला में 412, सिरमौर में 259, सोलन में 240 और ऊना में 245 ग्राम पंचायतें हैं।

जिला पंचायत अधिकारी एवं कार्यकारी जिला विकास अधिकारी जोगिन्द्र राणा ने बताया कि निदेशालय से इस बाबत पत्र मिला है, जिसमें ग्राम पंचायतों में एक लाख रुपए के काम के लिए ई-टैंडर अनिवार्य हो गया है।

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