Solan: गिरफ्तारी के डर से शिमला के ऋण डिफाल्टर ने अदालत में किया आत्मसमर्पण

Edited By Kuldeep, Updated: 07 Nov, 2025 10:27 PM

solan loan defaulter court surrender

शिमला जिले के ऋण डिफाल्टर ने सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं (एआरसीएस) की अदालत में आत्मसमर्पण किया है। करीब 50 हजार रुपए के साथ पूरे ऋण के अग्रिम चैक जमा करने पर उनका गिरफ्तारी वारंट निलम्बित हो गया है।

सोलन (पाल): शिमला जिले के ऋण डिफाल्टर ने सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं (एआरसीएस) की अदालत में आत्मसमर्पण किया है। करीब 50 हजार रुपए के साथ पूरे ऋण के अग्रिम चैक जमा करने पर उनका गिरफ्तारी वारंट निलम्बित हो गया है। हालांकि उनकी ऋण की राशि 2 से 2.50 लाख रुपए थी लेकिन किस्तों का भुगतान न करने पर ऋण एनपीए हो गया था। एआरसीएस की अदालत में उनके खिलाफ रिकवरी का मामला चला हुआ था। रिकवरी में सहयोग न करने पर एआरसीएस की अदालत ने पवन कुमार के खिलाफ 25 अगस्त को गिरफ्तारी के वारंट जारी किए थे लेकिन शुक्रवार को एआरसीएस की अदालत में उन्होंने ऋण की कुछ राशि काे जमा कर दिया है। पवन कुमार सरकारी कर्मचारी है।

विदित रहे कि एआरसीएस की अदालत ने 17 अक्तूबर को 13 तथा 25 अक्तूबर को 9 डिफाल्टरों के गिरफ्तारी के वारंट जारी किए थे। इसमें शिमला जिला के 13, सोलन के 9 तथा सिरमौर जिला के 2 डिफाल्टर थे। सोलन पुलिस ने जहां 4 ऋण डिफाल्टर को गिरफ्तार किया, वहीं 4 ने एआरसीएस की अदालत में आत्मसमर्पण कर ऋण की कुछ राशि को जमा कर गिरफ्तारी से बच गए जबकि पुलिस एक की तलाश कर रही है। शिमला व जिला सिरमौर की पुलिस डिफाल्टरों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। इसको लेकर सवाल भी खड़े हो रहे थे।

50 लाख से अधिक राशि के ऋणों की हो रही जांच
एआरसीएस ने बघाट बैंक में स्वीकृत ऋणों की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल बैंक द्वारा वर्ष 2015 से 2021 के बीच 50 लाख रुपए से अधिक राशि के ऋणों की जांच की जा रही है। बैंक ने करीब 4 करोड़ रुपए तक के ऋण मंजूर किए हैं। आरबीआई ने वर्ष 2021 में बैंक पर ऋण देने पर रोक लगा दी थी। यदि इससे भी पुराना ऋण कोई एनपीए हुआ है तो उसे भी जांच के दायरे में शामिल किया गया है। अभी तक की जांच में खुलासे हुए हैं कि कई ऋण नियमों को ताक पर रखकर स्वीकृत किए गए हैं। यही कारण है कि बाद में यह ऋण एनपीए हो गए। ऋण की मंजूरी के समय जो खामियां जांच में पाई गई हैं, एआरसीएस द्वारा ऐसे ऋणों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। हालांकि जांच अभी प्रारम्भिक दौर में है।

जैसे-जैसे यह जांच आगे बढ़ेगी तो इसमें कई बड़े खुलासे होने की संभावना है। बैंक के 499 खाताधारकों का ऋण एनपीए हो गया है। एनपीए की राशि अब घटकर 132 करोड़ रुपए रह गई है। एआरसीएस गिरीश नड्डा ने बताया कि बघाट बैंक के एक डिफाल्टर ने शुक्रवार को 50 हजार रुपए के साथ ऋण की राशि के कुछ चैक जमा करवाए हैं। बैंक द्वारा 50 लाख रुपए से अधिक स्वीकृत किए गए ऋणों की जांच की जा रही है।

आरबीआई की कार्रवाई को हुआ एक महीना
आरबीआई की बघाट बैंक पर की गई कार्रवाई को एक महीना पूरा हो गया है। इस दौरान 80 हजार में से 3 हजार खाताधारक बैंक से अपना पूरा पैसा निकालने में कामयाब रहे हैं क्योंकि उनकी राशि 10 हजार रुपए या इससे कम थी। जबकि 77 हजार खाताधारकों का पैसा बैंक में फंसा हुआ है। इसमें 75 हजार खाताधारक ऐसे हैं जिनकी राशि 5 लाख रुपए या इससे कम है जबकि 2 हजार खाताधारकों की राशि 5 लाख रुपए से अधिक है। हालांकि इस दौरान बैंक अपना एनपीए 138 करोड़ रुपए से 132 करोड़ रुपए तक पहुंचाने में कामयाब हुआ है। आरबीआई ने एक माह पूर्व बैक से 10 हजार रुपए से अधिक निकासी पर रोक लगा दी थी।

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