Edited By Vijay, Updated: 29 Sep, 2023 11:26 PM

प्रदेश के विभिन्न जिलों में क्रिप्टों करंसी के नाम पर हुई ठगी के मामलों की छानबीन को लेकर डीआईजी उत्तरी रेंज अभिषेक दुल्लर की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने अपनी जांच शुरू कर दी है। इसी कड़ी में एसआईटी ने विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज एफआईआर के साथ ही...
शिमला (राक्टा): प्रदेश के विभिन्न जिलों में क्रिप्टों करंसी के नाम पर हुई ठगी के मामलों की छानबीन को लेकर डीआईजी उत्तरी रेंज अभिषेक दुल्लर की अध्यक्षता में गठित एसआईटी ने अपनी जांच शुरू कर दी है। इसी कड़ी में एसआईटी ने विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज एफआईआर के साथ ही अन्य रिकाॅर्ड कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूचना के अनुसार जल्द ही जांच टीम धोखाधड़ी के शिकार हुए पीड़ित व्यक्तियों के बयान भी दर्ज करेगी। क्रिप्टो करंसी के नाम पर हुई धोखाधड़ी का मामला मानसून सत्र में विधायक होशियार सिंह ने सदन में जोरशोर से उठाया था। आरोप था कि प्रदेश में क्रिप्टो करंसी के नाम पर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की गई है और बिना राजनीतिक संरक्षण के यह फ्रॉड संभव नहीं है। ऐसे में सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस द्वारा दर्ज किए गए केसों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। इसमें साइबर एक्सपर्ट को भी शामिल किया गया है।
8 मामले बद्दी, मंडी, शिमला व कांगड़ा में दर्ज
प्रदेश में क्रिप्टो करंसी के नाम पर हुई ठगी के 8 मामले बद्दी, मंडी, शिमला व कांगड़ा में दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही 50 से अधिक शिकायतें पुलिस के पास पहुंची हैं। इसे देखते हुए जांच टीम सभी मामलों व शिकायतों की तह खंगालने में जुट गई है। धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत चल रही छानबीन के अंतर्गत ईडी भी 3 कंपनियों व 22 से अधिक व्यक्तियों के बारे में जानकारियां जुटा रही है। इस संबंध में ईडी द्वारा प्रदेश पुलिस मुख्यालय से भी पत्राचार कर संबंधित निजी कंपनियों और व्यक्तियों के खिलाफ विभिन्न थानों में दर्ज शिकायत और एफआईआर की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करवाने को कहा गया है।
पंजाब पुलिस से भी साधा जाएगा संपर्क
क्रिप्टो करंसी से जुड़े एक मामले की जांच पंजाब पुलिस द्वारा भी की जा रही है। सूचना के अनुसार संबंधित मामले में जीरकपुर पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें से 2 व्यक्ति हिमाचल से संबंध रखते हैं। ऐसे में एसआईटी संबंधित आरोपियों के बारे में भी पंजाब पुलिस से जानकारी ले सकती है ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं प्रदेश में हुए फ्रॉड में भी तो उनकी संलिप्ता नहीं है।
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