Edited By Kuldeep, Updated: 06 Sep, 2025 09:38 PM

शनिवार को यैलो अलर्ट के बीच में हल्की फुल्की बारिश हुई, जिससे लोगों ने थोड़ी राहत पाई है। आगामी दिनों में राहत की बात यह है कि 12 सितम्बर तक किसी भी प्रकार का कोई अलर्ट नहीं रहेगा।
शिमला (संतोष): शनिवार को यैलो अलर्ट के बीच में हल्की फुल्की बारिश हुई, जिससे लोगों ने थोड़ी राहत पाई है। आगामी दिनों में राहत की बात यह है कि 12 सितम्बर तक किसी भी प्रकार का कोई अलर्ट नहीं रहेगा। शनिवार को राजधानी शिमला और कुछ अन्य जिलों में बारिश हुई, जबकि कुछ क्षेत्रों में बादल छाए रहे और कहीं धूप भी खिली। बीते 24 घंटों में बिलासपुर जिले के नैना देवी में सबसे अधिक 136 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
उधर, कुल्लू के इन्नर अखाड़ा बाजार में बीते दिनों हुए भूस्खलन में दबे लोगों को निकालने के लिए सर्च ऑप्रेशन जारी रहा। यहां 3 और 4 सितम्बर को दो अलग-अलग भूस्खलन की घटनाओं में कुल 9 लोग मलबे में दब गए थे। इनमें से 8 लोगों के शव निकाल लिए गए हैं। 3 सितम्बर को दबे एनडीआरएफ के सदस्य नरेंद्र पुत्र सुखराम का शव शनिवार को निकाला गया। 4 सितम्बर को भूस्खलन की चपेट में आए बकार अहमद मीर, हुसैन लोन और ताहिर दीन अहमद शेख के शव भी निकाले गए हैं। एक व्यक्ति की खोज अभी भी जारी है। प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार इस मानसून सीजन में अब तक 366 लोगों की मौत हो चुकी है, 41 लोग लापता हैं और 426 घायल हुए हैं। सर्वाधिक मौतें मंडी में 59, कांगड़ा में 50, चम्बा में 43, शिमला में 39, कुल्लू में 38, किन्नौर में 28, सोलन में 26, उना में 22, बिलासपुर और सिरमौर में 18-18, हमीरपुर में 16 और लाहौल-स्पीति में 9 दर्ज की गई हैं। बारिश के कहर से 1984 पशु और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की भी मौत हुई है। प्रदेश में अब तक 6025 कच्चे-पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 1159 पूरी तरह ढह गए हैं। इसके अलावा 455 दुकानें और 5113 पशुशालाएं भी धराशायी हो गई हैं। प्रारंभिक आकलन के अनुसार सार्वजनिक संपत्ति को 4079 करोड़ रुपए का नुक्सान पहुंचा है, जिसमें लोक निर्माण विभाग को 2743 करोड़, जल शक्ति विभाग को 2518 करोड़ और ऊर्जा विभाग को 139 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है।
204 मार्ग, 505 ट्रांसफार्मर, 84 पेयजल योजनाएं की ठीक
मौसम ने शनिवार को थोड़ा साथ दिया तो विभागीय मशीनरी व लेबर ने बंद पड़े 204 संपर्क मार्ग ठीक किए, 505 ट्रांसफार्मर दुरुस्त बनाए और 84 पेयजल योजनाएं भी ठीक की हैं। बावजूद इसके शनिवार शाम तक प्रदेश में 3 नैशनल हाईवे और 897 संपर्क मार्ग अवरुद्ध रहे। बंद नैशनल हाईवे में कुल्लू का एन.एच.-3 और एन.एच.-305 तथा लाहौल-स्पीति का एन.एच.-505 शामिल हैं। कुल्लू जिले में 225, मंडी में 198, शिमला में 167, चम्बा में 116, सिरमौर में 48 और कांगड़ा में 42 संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं। शिमला के ऊपरी इलाकों में लिंक रोड अवरुद्ध रहने से सेब बागवानों की फसल समय पर मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही है। भारी बारिश के चलते बिजली और पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। प्रदेश में 1497 ट्रांसफार्मर खराब हो चुके हैं, जिनमें कुल्लू के 867, मंडी के 218, शिमला के 200 और चम्बा के 142 शामिल हैं। पेयजल योजनाओं पर भी असर पड़ा है और 388 योजनाएं ठप्प हैं, जिनमें शिमला की 187, मंडी की 79, कुल्लू की 63 और चम्बा की 30 शामिल हैं।
135 लैंडस्लाइड, 95 फ्लैश फ्लड व 45 बार फट चुके हैं बादल
मानसून सीजन के दौरान अब तक हिमाचल प्रदेश में 135 भूस्खलन, 95 फ्लैश फ्लड और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। लाहौल-स्पीति में 27 भूस्खलन और 56 फ्लैश फ्लड दर्ज हुए हैं, जबकि मंडी जिला बादल फटने की 19 घटनाओं के साथ सबसे अधिक प्रभावित रहा है।