Weather Updates: एक सप्ताह तक साफ रहेगा मौसम, दो दिन मध्य इलाकों में हो सकती है बारिश

Edited By Kuldeep, Updated: 22 Sep, 2025 09:31 PM

shimla weather bad

अपने अंतिम दौर पर पहुंचे चुके मानसून की विदाई होने वाली है और राज्य से 2 या 3 दिनों के भीतर मानसून चला जाएगा। ऐसे में आगामी एक सप्ताह तक राज्य में मौसम साफ बना रहेगा।

शिमला (संतोष): अपने अंतिम दौर पर पहुंचे चुके मानसून की विदाई होने वाली है और राज्य से 2 या 3 दिनों के भीतर मानसून चला जाएगा। ऐसे में आगामी एक सप्ताह तक राज्य में मौसम साफ बना रहेगा। हालांकि 24 व 25 सितम्बर को मध्य पर्वतीय इलाकों में हल्की बारिश होने की संभावनाएं हैं, जबकि 28 सितम्बर तक प्रदेश के अन्य भागों में मौसम पूरी तरह से साफ रहने के आसार हैं। सोमवार को राज्य में कहीं बारिश नहीं हुई, अपितु हल्के बादल छाए रहे और कहीं-कहीं धूप भी खिली रही, लेकिन रविवार रात्रि को राज्य के कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हुई, जिसमें सराहन में 5.5, मुरारी देवी में 2.6 और धौलाकुआं में 1 और कांगड़ा में 0.6 मिलीमीटर वर्षा हुई, जबकि अन्य जगहों पर मौसम साफ रहा।

बीते दिनों हुई बारिश के बाद राज्य के कुछ इलाकों में दुश्वारियां जारी हैं। भारी वर्षा से अवरूद्ध नैशनल हाईवे व संपर्क मार्गों को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है, लेकिन सोमवार शाम तक राज्य में 2 एन.एच. व 352 संपर्क मार्ग अवरूद्ध रहे। ऊना व कुल्लू में 1-1 नैशनल हाईवे बंद है। मंडी में 120, कुल्लू में 106, कांगड़ा में 40, शिमला में 25 और चम्बा में 18 संपर्क मार्ग बाधित है। राज्य के कुछ हिस्सों में 68 बिजली ट्रांसफार्मर व 100 पेयजल स्कीमें भी ठप्प हैं, लेकिन अधिकांश ट्रांसफार्मरों व पेयजल योजनाओं को बहाल कर दिया गया है।

मानसून के दौरान अब तक 148 भूस्खलन, 98 फ्लैश फ्लड और 47 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। लाहौल-स्पीति जिले में सबसे अधिक 30 बार भूस्खलन हुआ, जबकि शिमला में 29 भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गईं। लाहौल-स्पीति में ही सबसे ज्यादा 57 बार फ्लैश फ्लड आया। बादल फटने की सबसे ज्यादा घटनाएं मंडी जिला में हुई हैं, जहां 19 बार बादल फटे। इसके अलावा कुल्लू में 12 और चम्बा में 6 बार बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इस मानसून सीजन के दौरान अब तक 451 लोगों की जान जा चुकी है और 47 लोग अभी भी लापता हैं।

मृतकों में सबसे ज्यादा 68 लोगों की मौत चम्बा में हुई है। मंडी जिले में 66, कांगड़ा में 57, कुल्लू में 49, शिमला में 48, सोलन में 32, किन्नौर में 30, ऊना में 29, बिलासपुर में 23, सिरमौर में 22, हमीरपुर में 16 और लाहौल-स्पीति में 10 लोगों की जान गई है। लापता 47 लोगों में सबसे अधिक 30 लोग मंडी जिले से लापता हैं। चम्बा से 5, शिमला और किन्नौर से 3-3, कुल्लू और कांगड़ा से 2-2 तथा सिरमौर और लाहौल-स्पीति से एक-एक व्यक्ति लापता है। इसके अलावा 496 लोग इस सीजन में घायल भी हुए हैं।

प्राकृतिक आपदाओं ने न केवल लोगों की जान ली, बल्कि हजारों को बेघर भी कर दिया। अब तक 1,709 मकान पूरी तरह से जमींदोज हो चुके हैं जबकि 7,376 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है। 495 दुकानें भी ध्वस्त हुई हैं। पशुधन को भी काफी नुक्सान हुआ है। 2,510 मवेशियों और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत दर्ज की गई है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार इस बार अब तक का कुल नुक्सान 4,861 करोड़ रुपए से अधिक का हो चुका है। सबसे अधिक क्षति लोक निर्माण विभाग की सड़कों और पुलों को हुई है, जिसे 3000 करोड़ रुपए का नुक्सान पहुंचा है। जल शक्ति विभाग को 1,463 करोड़ और ऊर्जा विभाग को 1,396 करोड़ रुपए की क्षति हुई है।

 

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