Edited By Jyoti M, Updated: 18 Nov, 2024 05:43 PM
रामपुर उपमंडल के ग्रामीण इलाकों में भालुओं के आतंक से लोग भयभीत हैं। पिछले कुछ महीनों में शाहधार पंचायत में भालू के हमलों की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जिसमें मादा भालू ने गौशालाओं में घुसकर 20 गायों को मार डाला, और तीन ग्रामीणों को भी हमला कर...
हिमाचल डेस्क। रामपुर उपमंडल के ग्रामीण इलाकों में भालुओं के आतंक से लोग भयभीत हैं। पिछले कुछ महीनों में शाहधार पंचायत में भालू के हमलों की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जिसमें मादा भालू ने गौशालाओं में घुसकर 20 गायों को मार डाला, और तीन ग्रामीणों को भी हमला कर घायल कर दिया।
इन घटनाओं के बाद, वन विभाग ने पहली बार एनाइडर सिस्टम की पहल की है, जिसे शाहधार पंचायत में पायलट परियोजना के रूप में स्थापित किया गया है।
भालू की गतिविधियों पर निगरानी
रामपुर वन विभाग ने भालू के आतंक से निपटने के लिए शाहधार पंचायत में विशेष कदम उठाए हैं। यहां पर वन विभाग ने चार कैमरे और तीन पिंजरे स्थापित किए हैं, ताकि भालू की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके।
हाल ही में, एक पिंजरे में मादा भालू का एक बच्चा पकड़ा गया है, जिसे शिमला से आई विशेषज्ञों की टीम ने जांच कर स्वस्थ पाया। फिलहाल, उसे सराहन में वन विभाग की देखरेख में रखा गया है।
रेपिड रेस्क्यू टीम की तैनाती
वन विभाग ने शाहधार और बौंडा पंचायत में रेपिड रेस्क्यू टीम का गठन किया है, जो दिन-रात भालू की निगरानी कर रही है। टीम के सदस्य सात-सात के समूह में गश्त करते हैं, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति का तुरंत समाधान किया जा सके।
ग्रामीणों से अपील
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे सुरक्षा उपायों का पालन करें और भालू से संबंधित किसी भी घटना की जानकारी तुरंत विभागीय टीम को दें।
वन विभाग ने ग्रामीणों को सलाह दी है कि वे अकेले बाहर न जाएं, गाय के बाड़ों के पास अग्नि जलाकर रखें और भालू दिखने पर तुरंत वन विभाग को सूचित करें।
'योजना कारगर रही तो सिस्टम की संख्या बढ़ाई जाएगी'
उधर, वन विभाग रामपुर के डीएफओ गुरहर्ष सिंह ने बताया कि शाहधार पंचायत में भालू की समस्या से निजात दिलाने के लिए एनाइडर सिस्टम स्थापित किया गया है। यदि योजना कारगर रही तो सिस्टम की संख्या बढ़ाई जाएगी।
वन विभाग के एक पिंजरे में ने भालू का बच्चा पकड़ा गया है, जिसे सराहन में विभाग की टीम की देखरेख में रखा गया है। मादा भालू की गतिविधियों पर नजर बनाए रखने के लिए चार कैमरे और तीन पिंजरे स्थापित किए गए हैं। विभाग की रेपिड रेस्क्यू टीम दिन रात क्षेत्र में गश्त कर रही है।