Edited By Kuldeep, Updated: 03 Dec, 2024 08:56 PM
राज्य की हिमालयी रेंज की पहाड़ियों पर तो हल्का हिमपात होने से ऊंची चोटियां सफेद चादर से ढक गई हैं, लेकिन प्रदेश के मध्य व मैदानी इलाके आज भी बारिश को तरस रहे हैं।
शिमला (संतोष): राज्य की हिमालयी रेंज की पहाड़ियों पर तो हल्का हिमपात होने से ऊंची चोटियां सफेद चादर से ढक गई हैं, लेकिन प्रदेश के मध्य व मैदानी इलाके आज भी बारिश को तरस रहे हैं। अभी प्रदेश में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। प्रदेश में पोस्ट मानसून सीजन यानी एक अक्तूबर से 2 दिसम्बर तक सामान्य से 98 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। इस अवधि में 45.8 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है लेकिन इस बार 0.9 मिलीमीटर बादल बरसे हैं, वह भी कुछ जिलों पर जबकि राज्य के 6 जिले ऐसे हैं जहां 63 दिनों से पानी की एक बूंद नहीं बरसी, वहीं 11 जिलों में 33 दिनों से पानी की बूंद तक नहीं गिरी है।
मंगलवार को लाहौल-स्पीति व कुल्लू घाटी में ताजा हिमपात हुआ है। रोहतांग दर्रे सहित कुंजम, बारालाचा व शिंकुला दर्रे और उदयपुर की ऊंची चोटियों में बर्फ के फाहे गिरे। लाहौल घाटी में एन.एच.-3 पर सरचू में मौसम की पहली बर्फबारी हुई जिससे शीतलहर बढ़ गई है। लाहौल में झरनों, नदी-नालों के साथ अब नल भी जमने लगे हैं। चोटियों पर गिर रही बर्फ से कुल्लू घाटी भी ठंड की चपेट में आ गई है। न्यूनतम तापमान कुकुमसेरी में माइनस 6.4, समधो में माइनस 3.2, कल्पा में माइनस 1 डिग्री चला हुआ है, जबकि केलांग व ताबो में भी न्यूनतम तापमान माइनस से नीचे चला गया है। मैदानी इलाकों की रातें शिमला से भी सर्द हो गई हैं।
मौसम विभाग की मानें तो बुधवार से आगामी चार दिनों तक मौसम के साफ व शुष्क रहने की संभावना है, लेकिन 8 दिसम्बर से मौसम करवट बदल सकता है। इससे राज्य के ऊंचे इलाकों के जिला लाहौल-स्पीति, चम्बा, किन्नौर, मंडी व कुल्लू आदि में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश व बर्फ गिरने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक ताजा पश्चिमी विक्षोभ 7 व 8 दिसम्बर को सक्रिय होगा, जो इस बार की अपेक्षा थोड़ा तीव्र होगा। 11 और 12 दिसम्बर को फिर से पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होगा जिससे आगामी दिनों में बारिश व बर्फबारी की संभावना है।
सर्दियों को लेकर पूरी तैयारी करें विभाग, मुख्य सचिव ने विभागों के प्रमुखों व डीसी को दिए आदेश
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभाग सर्दियों के मौसम की चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार रहें। उन्होंने कहा कि बुल्डोजर, स्नो कटर जैसी मशीनरी पहले ही तैनात की जानी चाहिए। सड़क संपर्क, अस्पताल, बिजली, पेयजल आपूर्ति तथा शैक्षणिक संस्थान जिला प्रशासन की प्राथमिकता होने चाहिए। वह मंगलवार को विभिन्न विभागों के प्रमुखों व सभी डीसी के साथ सर्दियों के मौसम को लेकर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक के दौरान राज्य में आगामी मौसम की स्थिति का आकलन करने के लिए भारतीय मौसम विभाग ने सर्दियों के मौसम के पूर्वानुमान पर एक प्रस्तुति दी जिसमें बताया गया कि इस वर्ष सर्दियां सामान्य रहेंगी।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने और बर्फ हटाने वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता देकर पर्याप्त मानव संसाधन, मशीनरी और आवश्यक आपूर्ति को पहले से तैनात करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलों के डीसी को भारी हिमपात और सड़कें अवरुद्ध होने से कटे हुए क्षेत्रों में पर्याप्त खाद्य और ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि ऐसे क्षेत्रों में संचार माध्यम कार्यशील रहें। उन्होंने सर्दियों के मौसम में समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सभी स्तरों पर नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश दिए।
बैठक में शिमला और अन्य आपदा संभावित जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की पूर्व तैनाती के मुद्दे पर भी मंथन किया गया। विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने बताया कि आवश्यक सेवाओं, अस्पतालों, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं के कामकाज को सुनिश्चित करने पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। खाद्यान, ईंधन और जैनरेटर के लिए ईंधन सहित आवश्यक शीतकालीन भंडार तैयार हैं। बैठक के दौरान सर्दियों के मौसम के लिए की गई तैयारियों के बारे में विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुति दी गई। बैठक में निदेशक एवं विशेष सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन डीसी राणा, एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अभिषेक त्रिवेदी, डीसी शिमला अनुपम कश्यप, एसपी शिमला संजीव गांधी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।