Edited By Rahul Singh, Updated: 04 Aug, 2024 11:06 AM
शिमला में आई बाढ़ की आफत ने पूरी तबाही मचा दी है। बादल फटने से आई बाढ़ के कारण समेज, बागीपुल और जाओं स्कूल में मलबा और पत्थर भर गए हैं जिसके कारण बच्चों की स्कूल की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। उपमंडल प्रशासन ने इन स्कूलों को 7 अगस्त तक बंद रखने के...
शिमला। शिमला में आई बाढ़ की आफत ने पूरी तबाही मचा दी है। बादल फटने से आई बाढ़ के कारण समेज, बागीपुल और जाओं स्कूल में मलबा और पत्थर भर गए हैं जिसके कारण बच्चों की स्कूल की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। उपमंडल प्रशासन ने इन स्कूलों को 7 अगस्त तक बंद रखने के फरमान जारी किए हैं। समेज स्थित वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, प्राथमिक स्कूल, वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बागीपुल और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जाओं में मलबा ही मलबा भर गया है। बाढ़ के कारण समेज स्कूल की इमारत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है।
स्थिति सामान्य होते ही सैकड़ों विद्यार्थियों की शिक्षा सुनिश्चित करने को लेकर उचित निर्णय लिया जाएगा। हालांकि बागीपुल और जाओं स्कूल में बाढ़ का मलबा ही भरा है, जबकि भवन को नुकसान नहीं पहुंचा है। वहीं प्राथमिक स्कूल घाटू के लिए बना पुल बहने के कारण स्कूली बच्चों का यहां पहुंचना मुश्किल हो गया है। यदि जल्द यहां आवाजाही सुनिश्चित नहीं होती तो प्रशासन इसे भी कुछ दिन के लिए बंद कर सकता है। उधर, एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह ने बताया कि स्थिति सामान्य होते ही शिक्षण गतिविधियां शुरू की जाएंगी। उन्होंने कहा कि घाटू में पुल बहने के कारण स्कूल का संपर्क कटा हुआ है। यदि जल्द आवाजाही शुरू नहीं होती तो इस स्कूल को भी कुछ समय के लिए बंद किया जा सकता है।
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सराहनीय : बाढ़ प्रभावितों को मुफ्त शिक्षा देने का एलान
बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसे देखते हुए कई लोगों ने मदद के हाथ आगे बढ़ाए है। रामपुर के कमला मेमोरियल स्कूल प्रबंधन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से संबंध रखने वाले विद्यार्थियों को जमा दो कक्षा तक निशुल्क शिक्षा देने की पहल की है। कमला मेमोरियल पब्लिक स्कूल रामपुर की प्रबंधक नीना शर्मा ने बताया कि प्रभावितों के साथ उनकी संवेदना है। इसलिए स्कूल कमेटी के साथ मिलकर उन्होंने प्रभावितों को बारहवीं कक्षा तक वर्दी, किताबें और जहां स्कूल बसें जाती हैं, उन क्षेत्रों के विद्यार्थियों को निशुल्क शिक्षा देने का निर्णय लिया है। प्रभावित क्षेत्र के इच्छुक अभिभावक ज्यूरी और रामपुर स्थित स्कूल में आकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।