Shimla: एचआरटीसी ने जमा नहीं करवाया एसआरटी, प्राइवेट बस ऑप्रेटरों को भेजे जा रहे नोटिस

Edited By Kuldeep, Updated: 19 Oct, 2024 06:45 PM

shimla private bus operator notice

एचआरटीसी ने वर्ष 2008 के बाद एसआरटी जमा नहीं करवाया है, वहीं दूसरी ओर परिवहन विभाग द्वारा निजी बस ऑप्रेटरों को एसआरटी जमा करवाने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

शिमला (राजेश): एचआरटीसी ने वर्ष 2008 के बाद एसआरटी जमा नहीं करवाया है, वहीं दूसरी ओर परिवहन विभाग द्वारा निजी बस ऑप्रेटरों को एसआरटी जमा करवाने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं। निजी बस ऑप्रेटरों के साथ विभाग व सरकार दोहरी मानसिकता के अनुसार व्यवहार कर रहे हैं। ये आरोप प्रदेश के निजी बस ऑप्रेटरों ने सरकार व विभाग पर लगाए हैं। हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑप्रेटर्ज संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल एवं हिमालयन निजी बस ऑप्रेटर्ज यूनियन शिमला के महासचिव अतुल चौहान ने कहा कि एचआरटीसी ने वर्ष 2008 के बाद एसआरटी जमा नहीं करवाया है, जबकि टैक्स का पैसा किराये के साथ ही एचआरटीसी द्वारा जनता से लिया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के निजी बस ऑप्रेटर्ज को हर क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा एसआरटी जमा करने के लिए नोटिस जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इस मुद्दे को लेकर शिमला में एक बैठक आयोजित करके एचआरटीसी का टैक्स वसूली का मामला न्यायालय में ले जाया जाएगा।

सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश में डिफाल्टर हो रहे निजी बस ऑप्रेटर
ऑप्रेटरों ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑप्रेटर सरकार की गलत नीतियों के कारण डिफाल्टर होते जा रहे हैं, क्योंकि हिमाचल प्रदेश की पूर्व सरकार ने प्रदेश में एचआरटीसी की बसों में महिलाओं को किराए में 50 प्रतिशत छूट दी है, जो कि निजी बस ऑप्रेटर्ज के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। हिमाचल प्रदेश की महिलाएं निजी बसों में सफर नहीं कर रही हैं और एचआरटीसी की बसों में अत्यधिक भीड़ हो रही है।

निजी बस ऑप्रेटरों पर ही कार्रवाई
ऑप्रेटरों ने कहा कि यदि सरकार द्वारा निर्धारित किराए से ज्यादा कोई निजी बस ऑप्रेटर किराया लेता है तो उसके ऊपर कार्रवाई की जाती है, जबकि एचआरटीसी द्वारा इंश्योरैंस के रूप में ज्यादा किराया वसूला जाता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में निगम का लगभग 9,000 करोड़ रुपए एसआरटी बकाया है, जबकि एसआरटी का पैसा किराए के साथ जनता से लिया जा रहा है। उसके बावजूद भी एचआरटीसी द्वारा एसआरटी जमा नहीं किया जा रहा। यदि निजी बस ऑप्रेटर्ज द्वारा एसआरटी नहीं चुकाया जाता तो उसका न ही रूट परमिट नवीनीकरण किया जाता है, न ही उसकी पासिंग की जाएगी तथा न ही उसको अन्य सुविधाएं दी जाएंगी, जबकि एचआरटीसी को परमिट भी धड़ाधड जारी किए जाते हैं।

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