अधिकारियों की अधूरी जानकारी पर बिफरे मुख्यमंत्री

Edited By Kuldeep, Updated: 06 Jul, 2020 08:47 PM

shimla officer incomplete information chief minister angry

उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों के अधूरी जानकारी के साथ आने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने खूब खरी-खोटी सुनाई।

शिमला (कुलदीप): उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों के अधूरी जानकारी के साथ आने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने खूब खरी-खोटी सुनाई। हुआ यूं कि जब चर्चा के दौरान यह मामला सामने आया कि अवैध खनन पर 5 लाख रुपए जुर्माने एवं 2 साल की सजा का प्रावधान है। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से पूछा कि कितनों को 5 लाख रुपए जुर्माना हुआ और कितनों को 2 साल की सजा हुई तो कोई उत्तर नहीं दे पाया। अधिकारियों की इस अधूरी जानकारी पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होंने भविष्य में अधिकारियों को पूरी जानकारी रखने तथा लंबित पड़े प्रोजैक्टों को समय पर सिरे चढ़ाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस दौरान जानकारी दी कि सिंगल विंडो बैठक के माध्यम से 6100 करोड़ रुपए के निवेश वाले 193 परियोजना प्रस्ताव स्वीकृत किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश लाने के लिए सरकारी भूमि बैंक स्थापित कर 600 हैक्टेयर भूमि उपलब्ध करवाई जा चुकी है, जबकि 1,300 हैक्टेयर भूमि के स्थानांतरण की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने अधिकारियों से निवेशकों को आकॢषत करने के लिए विशेष क्षेत्रों जैसे विद्युत वाहनों, विद्युत और इलैक्टॉनिक्स, प्रेसिशन टूल्ज और आई.टी. हार्डवेयर के लिए कार्य योजना तैयार करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में बल्क ड्रग पार्क शुरू करने का मामला प्रभावशाली तरीके से केंद्र सरकार से उठाया है जिसके लिए 2 स्थलों को चिन्हित किया गया है। ऊना जिले के टाहलीवाल में सामान्य इंजीनियरिग कलस्टर को मंजूरी दी गई है, जिसमें मिनी टूल कक्ष, आधुनिक उपकरणों, परीक्षण प्रयोगशाला और प्रशिक्षण केंद्र की सुविधा उपलब्ध होगी।

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत 311.75 करोड़ निवेश को मंजूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के अंतर्गत 311.75 करोड़ रुपए के निवेश के साथ एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्य संवर्धन अधोसंरचना के 16 मामलों को मंजूरी प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त 147.42 करोड़ रुपए की लागत के खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमता के सृजन और विस्तार के 20 मामलों को भी मंजूरी प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न बैंकों के माध्यम से 25 लाख रुपए तक के ऋ ण प्रदान किए जा रहे हैं और इसके अंतर्गत परियोजना लागत की 35 फीसदी तक सबसिडी भी प्रदान की जा रही है।

1,200 करोड़ के वित्तीय लाभ वितरित
मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत सूक्ष्म लघु मध्यम इकाइयों को वित्तीय लाभ देने के लिए 1,200 करोड़ रुपए वितरित किए गए। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतर्गत 140 करोड़ रुपए के निवेश के साथ प्रदेश में 728 इकाइयां स्थापित की गई हैं। उन्होंने योजना की धीमी रफ्तार पर ङ्क्षचता व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों की एक टीम नामित की जानी चाहिए ताकि अधिकतम युवा इससे लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप हिमाचल योजना के अंतर्गत 92 नए उद्यमी लाभान्वित हुए हैं और 29 स्टार्टअप का व्यवसायीकरण किया गया।

सीमैंट कीमतें नियंत्रण करने पर भी चर्चा
बैठक में सीमैंट की कीमतें नियंत्रित करने के लिए चर्चा हुई। उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि विभाग इस दिशा में प्रयास कर रहा है।

 

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