Edited By Kuldeep, Updated: 09 Feb, 2025 05:15 PM
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पूरा विश्व आज भारतीय संस्कृति का कायल है। पठानिया ने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं परिधान की विश्व के अलग-अलग देशों में आज भी अपनी पहचान है।
शिमला (भूपिन्द्र): पूरा विश्व आज भारतीय संस्कृति का कायल है। पठानिया ने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं परिधान की विश्व के अलग-अलग देशों में आज भी अपनी पहचान है। यह बात हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने रविवार को महाराष्ट्र के पुणे शहर में कथूर स्थित महाराष्ट्र प्रौद्योगिकी संस्थान विश्व शांति विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 14वें अखिल भारतीय छात्र सम्मेलन के तीसरे सत्र की अध्यक्षता करते हुए कही। इस सम्मेलन का विषय था भारतीय संस्कृति या पश्चिमी ग्लैमर, भारतीय युवाओं की द्वन्द्व। पठानिया ने कहा कि पहले हम भारतीय हैं, उसके बाद किसी प्रदेश के नागरिक हैं और हमें भारतवासी होने का गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल देवभूमि है। यह रणबांकुरों, तपस्या व त्याग की भूमि है।
चम्बा का रुमाल, हिमाचली टोपी व शॉल आज भी दुनिया के उत्कृष्ट परिधानों में शुमार हैं। हमारा प्रदेश आज भी अपनी पुरातन संस्कृति जो हमें अपने पूर्वजों से विरासत में मिली है, उसे संजोए हुए है। चम्बा का मिंजर मेला, मंडी की महाशिवरात्रि तथा अन्तर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा इसके जीवन्त उदाहरण हैं। सम्मेलन को रामायण सीरियल में प्रभु राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल, केन्द्रीय नागरिक एवं उड्डयन मंत्री किंजारप्पा राममोहन नायडू तथा फिल्म अदाकारा खशबू तथा पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी सम्बोधित किया। सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से आए 10,000 छात्र मौजूद रहे।
पश्चिमी देशों के लोग कर रहे गीता उपदेशों का अनुकरण
पठानिया ने कहा कि पश्चिमी देशों के लोग आज रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य की ओर आकर्षित हो रहे हैं तथा गीता उपदेशों का अनुकरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन के दौरान उन्हें ऑस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड तथा दक्षिण कोरिया जैसे देशों में भी भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिली।
एआई व एमएल तकनीकी प्रगति का वर्तमान व भविष्य
पठानिया ने इससे पहले राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में भाग लेते हुए कहा कि एआई (कृत्रिम बुद्धिमता) तथा एमएल (मशीन लर्निंग) किसी भी देश की तकनीकी प्रगति का वर्तमान व भविष्य हैं। हम छात्र हों, पेशेवर हों या उद्यमी हों, एआई और एमएल को समझना हमारे लिए आवश्यक है, ताकि हम आगे बढ़ने और दुनिया को आकार देने के लिए तैयार रह सकें।
विधायक सम्मेलन में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस, महाराष्ट्र विधान परिषद की डिप्टी चेयरमैन नीलम गोरे, लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, कई राज्य विधानसभाओं के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष व देश के विभिन्न राज्यों से 250 से अधिक विधायकों, जिनमें हिमाचल विधानसभा के 13 सदस्य भी शामिल हैं, ने भाग लिया। इस दौरान पठानिया ने देवेन्द्र फड़नवीस से मुलाकात कर भारतीय छात्र संसद तथा राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन की महत्ता पर चर्चा की। सम्मेलन में पठानिया ने अलग-अलग 15 समितियों को भी संबोधित किया तथा समिति की कार्यप्रणाली की मजबूती व पारदर्शिता को लेकर टिप्स दिए।