Edited By Kuldeep, Updated: 07 Aug, 2024 05:34 PM
250 गौसदन और इसमें 21 हजार गौवंश को रखने के बावजूद भी 10 हजार से अधिक पशु सड़कों पर हैं। इसके लिए वे लोग सबसे अधिक दोषी हैं जो दूध पीने के बाद गौवंश को सड़कों पर छोड़ देते हैं।
शिमला (संतोष): 250 गौसदन और इसमें 21 हजार गौवंश को रखने के बावजूद भी 10 हजार से अधिक पशु सड़कों पर हैं। इसके लिए वे लोग सबसे अधिक दोषी हैं जो दूध पीने के बाद गौवंश को सड़कों पर छोड़ देते हैं। यह बात सीपीएस किशोरी लाल ने बुधवार को मीडिया से रू-ब-रू होते हुए कही। राज्य में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी गौवंश सड़कों पर है।
बेसहारा गौवंश सड़कों पर मरने को मजबूर है। भारत सरकार द्वारा 2019 में करवाई गई 20वीं पशुगणना के अनुसार हिमाचल में करीब 36,311 बेसहारा पशु थे। इन बेसहारा पशुओं के लिए गौसदन की व्यवस्था हिमाचल में की जा रही है। मौजूदा समय में हिमाचल में 250 के करीब गौसदन हैं और इन गौसदनों में करीब 21 हजार पशु हैं। मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल ने बताया कि 10 हजार से ज्यादा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं जिनकी हालत दयनीय है। सड़कों पर विचरण कर रहे पशुधन से कई हादसे भी पेश आ चुके हैं। सरकार अपने स्तर पर कई काम कर रही है लेकिन लोग इसमें सबसे ज्यादा दोषी हैं जो दूध पीने के बाद गौवंश को सड़कों पर मरने के लिए छोड़ देते हैं।