Edited By Kuldeep, Updated: 03 Sep, 2024 06:23 PM
प्रदेश हाईकोर्ट ने कोलडैम जलाशय में रत्न एडवैंचर को जल क्रीड़ा गतिविधियों के संचालन पर फिलहाल रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने देवी रूप द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई के पश्चात ये आदेश पारित...
शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने कोलडैम जलाशय में रत्न एडवैंचर को जल क्रीड़ा गतिविधियों के संचालन पर फिलहाल रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने देवी रूप द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई के पश्चात ये आदेश पारित किए। कोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर प्रथम दृष्टया पाया कि निजी तौर पर बनाए प्रतिवादी रत्न एडवैंचर यानी मोटर बोट चालक के पास राष्ट्रीय जल क्रीड़ा संस्थान से पावर बोट को नियंत्रित करने संबंधी जरूरी प्रमाणपत्र नहीं है। इसलिए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगले आदेशों तक संबंधित प्रतिवादी को जल क्रीड़ा और संबद्ध गतिविधियां आयोजित करने से रोका जाता है।
प्रार्थी के अनुसार हाईकोर्ट ने पहले ही राज्य में एयरो स्पोर्ट्स और वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों को संचालित करते समय सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिवादी विभाग सहित अन्य को निर्देश जारी किए हैं। जबकि प्रतिवादी विभाग ने एचपी जल क्रीड़ा एवं संबद्ध गतिविधियां नियम, 2021 के अनिवार्य प्रावधानों की अनुपालना सुनिश्चित किए बिना रत्न एडवैंचर को प्रमाण पत्र जारी किया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने प्रधान सचिव (पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन) निदेशक पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन, उप निदेशक पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंडी एवं बिलासपुर, मंडी, हिप्र उपायुक्त मंडी, उपमंडलाधिकारी करसोग जिला मण्डी, हिप्र से जवाब तलब किया है। मामले को अगली सुनवाई के लिए 25 अक्तूबर, 2024 को सूचीबद्ध किया गया है।