गूगल पर ऑनलाइन ठगों ने 4 व्यक्तियों से की 25 हजार की ठगी

Edited By Kuldeep, Updated: 11 May, 2020 06:51 PM

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राजधानी के एक व्यक्ति को कुत्तों के काटने से घायल बंदर का उपचार करवाना भारी पड़ गया। घोड़ा चौकी निवासी कृष्णदत्त ने बीते रविवार को वैटर्नरी डाक्टर का नंबर सर्च करने के लिए गूगल खोला और उस नंबर पर फोन किया तो शातिर ने 10 रुपए टोकन जमा करने को कहा।

शिमला (देवेंद्र हेटा): राजधानी के एक व्यक्ति को कुत्तों के काटने से घायल बंदर का उपचार करवाना भारी पड़ गया। घोड़ा चौकी निवासी कृष्णदत्त ने बीते रविवार को वैटर्नरी डाक्टर का नंबर सर्च करने के लिए गूगल खोला और उस नंबर पर फोन किया तो शातिर ने 10 रुपए टोकन जमा करने को कहा। इसके लिए कृष्णदत्त के मोबाइल नंबर पर एक वैब लिंक भेजा। कृष्णदत्त ने भी टोकन मनी देने के लिए उस ङ्क्षलक पर रजिस्टर करवाया और उसी वक्त शातिर ने फर्जी नंबर से कृष्णदत्त के बैंक खाते से 10,000 रुपए की ऑनलाइन ठगी कर डाली। कृष्णदत्त घोड़ा चौकी के पास मैकेनिक और स्पेयर पार्ट्स की दुकान चलाता है। साइबर सैल में पुलिस ने कृष्णदत्त की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने डिपार्टमैंट ऑफ टैली कम्युनिकेशन को पत्र लिखकर शातिर का फर्जी नंबर गूगल से हटाने को कहा है ताकि दूसरे लोग ऐसी ठगी का शिकार न हों।

डीलक्स बस से घर भेजने के नाम पर 3 व्यक्तियों से 15 हजार की ठगी
साइबर क्राइम के ऐसे ही 3 और हैरान करने वाले मामले सामने आए हैं। इनमें शातिरों ने लॉकडाऊन के कारण दिल्ली में फंसे हिमाचलियों को निशाना बनाया है। ठगों ने बीते दिनों कांगड़ा के बैजनाथ निवासी विकास राणा और देहरा के रहने वाले जीजा-साले से डीलक्स बसों से घर वापस भेजने के नाम पर 15,000 रुपए (प्रत्येक से 5-5 हजार) की ठगी की। विकास राणा मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और गूगल पर हिमाचल भवन के नाम पर शेयर फर्जी मोबाइल नंबर को हटाने के लिए टैली कम्युनिकेशन को पत्र लिखा है। बताया जा रहा है कि दिल्ली में फंसे तीनों व्यक्तियों को कहीं से पता चला कि हिमाचल भवन दिल्ली से प्रदेश के लिए बस जा रही है। बस की जानकारी हासिल करने के लिए इन्होंने गूगल पर नंबर सर्च किया और उस पर जब फोन किया तो शातिरों ने उन्हें वैब ङ्क्षलक भेजकर रजिस्टर करने को कहा। रिसीवर ने भी रजिस्टर करने के अलावा अपना यूपीआई आईडी लिंक पर शेयर कर दिया। इसके बाद शातिरों ने तीनों के बैंक खातों से 5-5 हजार रुपए उड़ा लिए। बीते दिनों शराब की होम डिलीवरी के नाम पर भी शिमला और कुल्लू में लोग ठगों का शिकार बन चुके हैं।

लॉकडाऊन में बढ़ा साइबर क्राइम
लॉकडाऊन के दौरान बीते डेढ़ महीने में प्रदेश में साइबर क्राइम के मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। इस अवधि में साइबर क्राइम के 251 मामले दर्ज किए गए हैं। किसी का फेसबुक अकाऊंट हैक किया गया तो किसी को बैंक का हैल्पलाइन नंबर बताकर लूटा गया। अब वाइल्ड लाइफ केयर सर्विस, बस बुकिंग रैकेट, शराब की होम डिलीवरी और आरोग्य सेतु एप डाऊनलोड करने के नाम पर शातिरों ने ठगी को अंजाम दिया है। ये ठग महानगरों में बैठे-बैठे प्रदेश के भोले-भाले लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। राहत की बात यह है कि लॉकडाऊन के दौरान दूसरे तरह के अपराधों में कमी आई है।

वर्षवार साइबर क्राइम की स्थिति
वर्ष 2016 में साइबर क्राइम के कुल 519 मामले, वर्ष 2017 में 570, 2018 में 981, वर्ष 2019 में 1,638 और इस साल अब तक कुल 441 शिकायतें मिल चुकी हैं। एडीशनल एस.पी. साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर का कहना है कि गूगल पर फोन नंबर फेक हो सकते हैं। ऐसे नंबर द्वारा कोई भी जानकारी मांगने पर उसे सांझा न करें। शातिर अलग-अलग माध्यमों से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। आरोग्य सेतु एप को गूगल प्ले स्टोर या एप्पल एप स्टोर से ही डाऊनलोड करें। किसी भी नंबर से कॉल आने पर अपनी जानकारी शेयर न करें।

 

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