Shimla: 9.61 लाख किसान परिवारों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य : सुक्खू

Edited By Kuldeep, Updated: 23 Dec, 2025 10:29 PM

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राज्य सरकार ने 9.61 लाख किसान परिवारों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। यह लक्ष्य न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक बदलाव लाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि प्रदेश भर के किसानों के लिए...

शिमला (ब्यूरो): राज्य सरकार ने 9.61 लाख किसान परिवारों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। यह लक्ष्य न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक बदलाव लाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि प्रदेश भर के किसानों के लिए स्थायी और सम्मानजनक आजीविका सुनिश्चित करने की दिशा में एक ठोस कदम भी है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को नई दिल्ली से शिमला पहुंचने के उपरांत कहा कि कृषि आज भी प्रदेश की जीवनरेखा है।

राज्य की लगभग 90 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और लगभग 53.95 प्रतिशत लोग प्रत्यक्ष रूप से कृषि एवं इससे जुड़े कार्यों पर निर्भर हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ीकरण वर्तमान राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसानों और ग्रामीण परिवारों की आर्थिक मजबूती के लिए दूरगामी और निर्णायक सुधार लागू किए गए हैं। हिमाचल देश में अग्रणी प्राकृतिक खेती राज्य बनकर उभरेगा। प्राकृतिक खेती से उत्पादित फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था, बागवानों के हितों की रक्षा हेतु सेब के लिए यूनिवर्सल कार्टन को लागू करना, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लक्षित सबसिडी योजनाएं तथा किसानों को अतिरिक्त आय उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से गोबर खरीद की अभिनव पहल जैसे कदम इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बदलाव के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा किसान हितैषी योजनाओं का एक व्यापक ढांचा लागू किया गया है। इसके परिणामस्वरूप राज्य में लगभग 38,437 हैक्टेयर क्षेत्र में 2,22,893 किसान और बागवान पूरी तरह या आंशिक रूप से प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के बैंक खाते में सीधे लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता और कार्यकुशलता सुनिश्चित हो रही है। इस वर्ष 14 नवम्बर से अब तक किसानों से 161.05 क्विंटल मक्का की खरीद की गई है। इसके अलावा 2,123 क्विंटल गेहूं की खरीद के लिए 1.32 करोड़ रुपए और 6 जिलों में 127 क्विंटल कच्ची हल्दी के लिए 11.44 लाख रुपए का भुगतान किया गया है।

प्राकृतिक खेती से उगाई गई फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने वाला हिमाचल बना पहला राज्य
सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने प्राकृतिक खेती से उगाई गई फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है। हमारी सरकार ने पहले प्राकृतिक रूप से तैयार की गई मक्का और गेहूं क्रमशः 30 और 40 रुपए प्रति किलो का समर्थन मूल्य निर्धारित किया, जिसे इस वर्ष से बढ़ाकर क्रमशः 40 और 60 रुपए प्रति किलो किया गया है। कच्ची हल्दी पर 90 रुपए प्रति किलो और पांगी घाटी में उगाई गई जौ पर 60 रुपए प्रति किलो समर्थन मूल्य प्रदान किया जा रहा है।

प्रदेश में 2600 कलस्टर किए जा रहे अंकित
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिम उन्नति (हिम कृषि योजना) के अंतर्गत कलस्टर आधार पर कृषि और कृषि से संबंधित गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया है और प्रदेश में 2600 कलस्टर अंकित किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत चम्बा, लाहौल-स्पिति और किन्नौर जिलों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्दी तथा कुछ क्षेत्रों में केसर की खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

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