Weather: शनिवार को मैदानी व मध्य इलाकों में होगी बारिश, 4754 करोड़ का हो चुका नुक्सान

Edited By Kuldeep, Updated: 19 Sep, 2025 08:18 PM

shimla bad weather

राज्य में अब मानसून धीमा पड़ने लगा है, जिससे आगामी दिनों में प्रदेशवासियों को राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को मध्य व मैदानी इलाकों, जबकि रविवार को मध्य पर्वतीय इलाकों में हल्की-फुल्की वर्षा हो सकती है, जबकि 22 व 23 सितम्बर को...

शिमला (संतोष): राज्य में अब मानसून धीमा पड़ने लगा है, जिससे आगामी दिनों में प्रदेशवासियों को राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को मध्य व मैदानी इलाकों, जबकि रविवार को मध्य पर्वतीय इलाकों में हल्की-फुल्की वर्षा हो सकती है, जबकि 22 व 23 सितम्बर को मौसम पूरी तरह से साफ रहेगा। हालांकि 24 व 25 सितम्बर को मौसम में हल्की हलचल रहेगी। राजधानी शिमला में शुक्रवार को दोपहर के समय धूप खिली और मौसम खुशनुमा बना रहा और बारिश नहीं हुई, जबकि कांगड़ा में 19, धर्मशाला में 8.4, नाहन में 3.1, कल्पा में 2.8, बरठीं में 9 और बजौरा में 1.5 मिलीमीटर वर्षा हुई है। इस बार मानसून ने 20 जून को प्रदेश में दस्तक दी थी और अब तक सामान्य से 46 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है। राहत की बात यह है कि मानसून अब यह अपने अंतिम पड़ाव पर है और इस माह के अंत तक इसके प्रदेश से विदा होने के आसार हैं।
किन्नौर जिले के तरंडा पंचायत के थाच गांव के ऊपर कंडे में फटा बादल

3 एन.एच. और 422 संपर्क मार्ग अभी भी बंद
शुक्रवार शाम तक प्रदेशभर में 3 नैशनल हाईवे और 422 संपर्क मार्ग बंद रहे। इनमें किन्नौर, कुल्लू और ऊना का एक-एक नैशनल हाईवे शामिल है। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 144, कुल्लू में 109, शिमला में 50 और कांगड़ा में 38 संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं। प्रदेशभर में 107 ट्रांसफार्मर और 185 पेयजल योजनाएं भी बंद पड़ी हैं। अकेले मंडी जिले में 36 ट्रांसफार्मर और 105 पेयजल योजनाएं प्रभावित चल रही हैं।

427 की मौत, 4754 करोड़ का हो चुका है नुक्सान
इस मानसून सीजन में अब तक 148 भूस्खलन, 98 फ्लैश फ्लड और 47 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं और इस मानसून सीजन में अब तक 427 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 481 लोग घायल हुए हैं और 46 लोग लापता हैं। सबसे ज्यादा मौतें मंडी जिले में 66 हुई हैं। कांगड़ा में 57, चम्बा में 50 और शिमला में 48 लोगों की जान गई।

राज्यभर में अब तक 1,664 मकान पूरी तरह ढह चुके हैं और 7,195 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। पशुधन को भी भारी नुक्सान हुआ है, जिसमें 2,478 मवेशियों और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत दर्ज की गई है। अब तक का कुल नुक्सान 4,754 करोड़ रुपए से अधिक हो चुका है। सबसे ज्यादा क्षति लोक निर्माण विभाग की सड़कों और पुलों को हुई है।

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