Shimla: 3500 मामलों का निपटारा कर 10 करोड़ राजस्व जुटाएगी सरकार : सुक्खू

Edited By Kuldeep, Updated: 29 Jan, 2025 07:22 PM

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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना, 2025 को मंजूरी दे दी है। इसका दायरा बढ़ाकर गैर-समाहित अधिनियमों के तहत मामलों को भी शामिल किया है।

शिमला (ब्यूरो): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना, 2025 को मंजूरी दे दी है। इसका दायरा बढ़ाकर गैर-समाहित अधिनियमों के तहत मामलों को भी शामिल किया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यहां जारी बयान में कहा कि नई योजना से लगभग 3,500 मामलों का समाधान होने की उम्मीद है। इससे लगभग 10 करोड़ रुपए का अनुमानित राजस्व प्राप्त होगा। प्रदेश सरकार ने मुकद्दमों की संख्या को कम करने और राजस्व प्राप्ति को बढ़ाने के लिए दृष्टिगत इस योजना की शुरूआत की है। एक जुलाई, 2017 को वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के कार्यान्वयन के बाद प्रवेश कर, मनोरंजन कर और लग्जरी कर जैसे राज्य करों को जीएसटी के तहत समाहित कर दिया गया था।

इन करों के अंतर्गत लंबित मामलों और विवादों को सुलझाने के लिए राज्य ने अब तक 3 विरासत मामले समाधान योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के तहत 48,269 लंबित मामलों का सफलतापूर्वक समाधान किया गया है, जिससे 452.68 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है और वादियों को राहत मिली है। उल्लेखनीय है कि डीजल और पैट्रोल जैसे पैट्रोलियम उत्पादों को नियंत्रित करने वाला राज्य मूल्य वर्धित कर अधिनियम जीएसटी के दायरे से बाहर है। इस नई योजना के तहत वित्त वर्ष, 2017-18 तक के पैट्रोलियम उत्पादों से संबंधित मामलों का समाधान किया जाएगा। इससे गैर-समाहित अधिनियमों के तहत लंबित मामलों की संख्या को और कम किया जा सकेगा।

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